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Market Outlook: मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों के रुख से इस हफ्ते तय होगी बाजार की चाल, एक्सपर्ट की राय

Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल कई महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की रुख से तय होगी. वैश्विक अनिश्चितताओ के बीच बीते हफ्ते स्थानीय शेयर बाजार गिरावट में रहे थे.

Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल कई महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की रुख से तय होगी. वैश्विक अनिश्चितताओ के बीच बीते हफ्ते स्थानीय शेयर बाजार गिरावट में रहे थे.

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Mithilesh Kumar
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Market Outlook

निवेशक उद्योग, जीडीपी, मानसून और विदेशी बाजार की स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है. (Image : FE File)

Market Outlook this week: इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल कई महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की रुख से तय होगी. विशेषज्ञों ने यह राय जताई है. वैश्विक अनिश्चितताओ के बीच बीते हफ्ते स्थानीय शेयर बाजार (Stock Market) गिरावट में रहे थे. निवेशक उद्योग, जीडीपी, मानसून और विदेशी बाजार की स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है.

निवेशकों की इन पर रहेगी नजर

निवेशकों की नजर इस हफ्ते होने वाली कई महत्वपूर्ण घटनाओं पर टिकी रहेगी. 28 मई को भारत के अप्रैल महीने के औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे, साथ ही इस तिमाही की जीडीपी रिपोर्ट भी आएगी, जो देश की आर्थिक स्थिति की साफ तस्वीर पेश करेगी. मानसून की प्रगति की जानकारी भी बाजार के लिए खास महत्व रखेगी. इसके अलावा, अमेरिका के बॉन्ड मार्केट की स्थितियां, फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे और भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं भी बाजार की दिशा तय करेंगी. मई महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति और बड़ी कंपनियों जैसे बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा और IRCTC के तिमाही नतीजे आने से भी बाजार की चाल पर असर पड़ेगा.

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एक्सपर्ट की राय

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने बताया कि पिछले सप्ताह शेयर बाजार सुस्त रहा. इसका कारण था दुनिया और देश में चल रही कई चिंताएं. अमेरिका में बॉन्ड यील्ड (ब्याज दर) बढ़ने और अमेरिका के कर्ज बढ़ने की वजह से विदेशी निवेशक अपना पैसा भारत और अन्य उभरते बाजारों से निकाल रहे हैं. इससे बाजार पर दबाव पड़ा है.

मिश्रा ने कहा कि इस हफ्ते 28 मई को भारत के अप्रैल महीने के औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े आएंगे. साथ ही इस तिमाही की जीडीपी रिपोर्ट भी जारी होगी, जिससे देश की आर्थिक स्थिति का पता चलेगा. मानसून की जानकारी भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगी.

उन्होंने कहा कि अमेरिका के बॉन्ड मार्केट की खबरें, फेडरल रिजर्व की बैठक की रिपोर्ट और भारत-अमेरिका के व्यापार वार्ता भी बाजार को प्रभावित करेंगी. मई महीने के डेरिवेटिव अनुबंध खत्म होने और बड़ी कंपनियों जैसे बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा और IRCTC के तिमाही नतीजे आने से भी बाजार की चाल प्रभावित होगी. पिछले हफ्ते बीएसई का सेंसेक्स 609.51 अंक और निफ्टी 166.65 अंक गिर गया.

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मोतिलाल ओसवाल के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि आने वाले दिनों में बाजार मजबूत रहेगा क्योंकि अच्छे आर्थिक आंकड़े और कंपनियों के नतीजे बाजार को समर्थन देंगे. निवेशक इस हफ्ते भारत और अमेरिका की जीडीपी रिपोर्ट पर नजर रखेंगे.

आरबीआई ने सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लाभांश दिया है, जो पिछले साल से 27.4 प्रतिशत ज्यादा है. इससे सरकार को विदेश से बढ़े शुल्क और रक्षा खर्च का सामना करने में मदद मिलेगी. विश्लेषकों के मुताबिक, इस हफ्ते बाजार पहले इस रिकॉर्ड डिविडेंड के असर को देखेगा.

लेमन मार्केट्स के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा कि अमेरिका की अनिश्चितताओं, विदेशी निवेश और व्यापार वार्ता के कारण भारतीय बाजार में थोड़ी स्थिरता आ सकती है.

जियोजीत के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि निवेशक अब अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड यील्ड और कर्ज की चिंता से विदेशी निवेशकों का पैसा बाहर जा रहा है, जो बाजार पर दबाव बना सकता है.

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