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RBI पॉलिसी के बाद निफ्टी पहली बार 21000 के पार, जारी रहेगी तेजी या अगली रैली के पहले आ सकती है बिकवाली

Nifty Target: शॉर्ट टर्म में बाजार के रेंजबाउंड रहने की उम्‍मीद है. इस दौरान निफ्टी के 20,850-21,000 की रेंज में बने रहने की उम्‍मीद है. निफ्टी के लिए अब 20,675-20,725 का लेवल सपोर्ट जोन दिख रहा है.

Nifty Target: शॉर्ट टर्म में बाजार के रेंजबाउंड रहने की उम्‍मीद है. इस दौरान निफ्टी के 20,850-21,000 की रेंज में बने रहने की उम्‍मीद है. निफ्टी के लिए अब 20,675-20,725 का लेवल सपोर्ट जोन दिख रहा है.

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Sushil Tripathi
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Stock Market Outlook

Stock Market: आरबीआई पॉलिसी के ऐलान से आज कारोबार में निफ्टी पहली बार 21000 का लेवल पार कर गया. (Pixabay)

Stock Market Short Term Outlook: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर 2023 की मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy Reiew) में ब्‍याज दरों में किसी तरह का  बदलाव नहीं किया है और रेपो रेट (Repo Rate) को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी  कर दिया है. आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि अगले साल की तीसरी तिमाही में महंगाई भी सेंट्रल बैंक के तय टारगेट की रेंज में आ जाएगी. फिलहाल इन सभी फैक्‍टर्स से शेयर बाजार सेंटीमेंट बेहतर हुए और निफ्टी (Nifty) पहली बार 21000 का लेवल पार कर गया. एक्‍सपर्ट का कहना है कि वैसे तो बाजार के लिए रेट पॉज पहले से डिस्‍काउंट फैक्‍टर था, लेकिल जीडीपी ग्रोथ अनुमान एक पॉजिटिव सेंटीमेंट हैं. बाजार (Sensex, Nifty) में पिछले दिनों अच्‍छी खासी तेजी आ चुकी है, ऐसे में शॉर्ट टर्म में इसमें बहुत ज्‍यादा तेजी की उम्‍मीद नहीं कर सकते. अगली रैली शुरू होने के पहले आने वाले दिनों में कुछ बिकवाली देखने को मिल सकती है. 

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21275/21500 की ओर बढ़ सकता है बाजार

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Swastika Investmart के रिसर्च हेड, संतोष मीना का कहना है कि आरबीआई पॉलिसी ने नीतिगत दरों या रुख में कोई बदलाव नहीं किया है और एक्‍सपेक्‍टेड लाइन को बनाए रखा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने 2024 की तीसरी तिमाही तक महंगाई के 4.2 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद करते हुए इकोनॉमिक ग्रोथ में भरोसा जताया है. शेयर बाजार में तेजी है, निफ्टी ने आज यानी 8 दिसंबर 2023 को 21000 का मैजिकल आंकड़ा पार कर लिया है. उनका कहना है कि बाजार में यह मोमेंटम आगे भी बने रहने की उम्‍मीद है. हालांकि बीच बीच में कुछ कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है. बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयर अपने मौजूदा वैल्‍युएशन और फंडामेंटल स्‍ट्रेंथ को देखते हुए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए खास तौर से बेहतर स्थिति में हैं. मिड टर्म में निफ्टी 21275/21500 की ओर बढ़ सकता है और बैंक निफ्टी 48800/50000 का लेवल टच कर सकता है. 

बॉन्‍ड यील्‍ड 7.10-7.35% की रेंज में रहने का अनुमान

कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की प्रेसिडेंट और चीफ इन्‍वेस्‍टमेंट ऑफिसर राधवी देशपांडे का कहना है कि मॉनेटरी पॉलिसी में पहले से ब्‍याज दरों को पॉज पर रखने और रुख बरकरार रखने का अनुमान था. एमपीसी ने सीपीआई को 4% पर ले आने का टारगेट रखा है, जिसे अभी भी हासिल किया जाना बाकी है, जबकि जीडीपी अनुमान को रिवाइज करते हुए बढ़ा दिया है. एमपीसी ने फूड इन्‍फ्लेशन में बढ़ी हुई अस्थिरता को करीब से देखने के साथ-साथ अधिक सख्ती के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता को स्वीकार किया है. बाजार इस वित्त वर्ष के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी के साथ ब्‍याज दरों पर लंबे समय से पॉज (दरों को स्थिर रखने) का समर्थन करना जारी रखेगा. ओएमओ बिक्री के माध्यम से लिक्विडिटी को संबोधित करने के लिए आरबीआई के उपायों को लेकर चिंताएं दूर हो जाएंगी. शेयर बाजार आने वाले दिनों में सीमित दायरे में रहेगा जबकि आरबीआई का रुख ग्‍लोबल और घरेलू डाटा पर निर्भर करेगा. 10-साल के गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज की यील्‍ड 7.10-7.35% की रेंज में बनी रहने की उम्‍मीद है.

अगली रैली के पहले आ सकती है बिकवाली 

SAS ऑनलाइन के फाउंडर और सीईओ, श्रेय जैन का कहना है कि आज आरबीआई पॉलिसी के एलान के बाद निफ्टी 21000 के पार पहली बार गया है. जबकि सेंसेक्‍स भी 300 अंक मजबूत होकर 69,831 के लेवल तक गया. शॉर्ट टर्म में बाजार के रेंजबाउंड रहने की उम्‍मीद है. इस दौरान निफ्टी के 20,850-21,000 की रेंज में बने रहने की उम्‍मीद है. निफ्टी के लिए अब 20,675-20,725 का लेवल सपोर्ट जोन दिख रहा है, जबकि 20,940-21,000 के लेवल पर रेजिस्‍टेंस है. इसी तरह से बैंक निफ्टी को 46,500-46,650 की रेंज में सपोर्ट रह सकता है, जबकि इसके लिए रेजिस्‍टेंस लेवल 46,925-47,000 रहेगा. उनका कहना है कि बाजार में अगली रैली के पहलने एक कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है.

भारत में मैक्रो इकोनॉमिक स्थिरता 

बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट के सीआईओ, निमेश चंदन का कहना है कि आरबीआई पॉलिसी का बाजार पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं दिख रहा है, लेकिन बाजार के पार्टिसिपेंट को आरबीआई गवर्नर के स्पीच से बहुत राहत मिली होंगी.  मैक्रो इकोनॉमिक यानी व्यापक आर्थिक स्थिरता के मामले में, भारत कई अन्य देशों की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर स्थिति में है. दुनिया भर में जहां कई अर्थव्यवस्थाएं मंदी का सामना कर रही हैं, वहीं भारत विकास के रास्ते पर सहजता के साथ बढ़ रहा है. घरेलू स्तर पर महंगाई कंट्रोल में है, लेकिन निकट भविष्य में फूड इनफ्लेशन पर कड़ी नजर रखनी होगी.

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