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Sahara India - SEBI Case Latest News: सहारा ग्रुप की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय से बकाया रकम, ब्याज और जुर्माने की वसूली के लिए सेबी ने बड़ा आदेश दिया है. (File Photo)
Sebi orders attachment of bank accounts, lockersanddemat accounts of Subrata Roy and others : सहारा ग्रुप की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय से बकाया रकम, ब्याज और जुर्माने की वसूली के लिए सेबी ने बड़ा आदेश दिया है. सोमवार को दिए इस आदेश के तहत मार्केट रेगुलेटर ने सहारा समूह की कंपनी, उसके प्रमुख सुब्रत रॉय और कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के बैंक एकाउंट, डीमैट खाते और लॉकर अटैच करने का फरमान सुनाया है. सहारा समूह से जुड़े जिन लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, उनमें सुब्रत रॉय के अलावा अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव शामिल हैं.
सहारा ग्रुप की इस कंपनी पर भी होगी कार्रवाई
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने यह कार्रवाई सहारा ग्रुप की कंपनी सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (Sahara India Real Estate Corporation) की तरफ से ओएफसीडी (Optionally Fully Convertible Debentures -OFCD) जारी करने में नियमों के उल्लंघन के मामले में की है. इस बीच, सहारा समूह की इस कंपनी का नाम बदलकर सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन (Sahara Commodity Services Corporation) किया जा चुका है. सेबी ने इस कंपनी के अलावा सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव से जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का आदेश दिया.
बैंक खाते, डीमैट एकाउंट और लॉकर भी होंगे अटैच
सेबी ने अपने आदेश के तहत सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से किसी भी विथड्रॉल यानी निकासी की मंजूरी न दें. हालांकि उन्हें अपने खातों में डिपॉजिट करने की छूट होगी. इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इनके खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है. सेबी ने जून 2022 में जारी अपने आदेश में सहारा समूह की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था. सेबी ने कहा कि यह डिबेंचर उसके नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए थे.