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SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच. Photograph: (PTI)
SEBI Chief Madhabi Puri Buch says No need to speak on small mid cap valuations now: सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर को हाल ही में स्मॉल और मिड कैप स्टॉक में आई भारी गिरावट पर टिप्पणी करने की ‘कोई जरूरत नहीं’ है. बुच ने पिछले साल मार्च में उन्हीं शेयरों के हायर वैल्यूएशन पर दिए गए अपने बयान का हवाला देते हुए कहा कि सेबी ने हायर वैल्यूएशन पर अपनी चिंता तब जाहिर की थी, जब उसे इसकी जरूरत महसूस हुई थी.
सेबी चीफ ने क्या कहा?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के एक कार्यक्रम में बुच ने कहा कि मिड कैप और स्मॉल कैप के बारे में, मुझे लगता है कि एक समय ऐसा आया जब सेबी को इस बारे में बयान देने की जरूरत महसूस हुई, बयान दिया गया. आज, मार्केट रेगुलेटर को अतिरिक्त बयान देने की कोई जरूरत महसूस नहीं होती.”
स्मॉल और मिड कैप स्टॉक में आई है भारी गिरावट
हाल ही में स्मॉल और मिड कैप वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है, कुछ शेयरों में एक के बाद एक 20 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.
सेबी चीफ ने एक साल पहले क्या कहा था?
मार्च, 2024 में सेबी की ओर से एक टिप्पणी में, बुच ने हायर वैल्यूएशन पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था, “बाजार में झाग के ढेर हैं. कुछ लोग इसे बुलबुला कहते हैं, कुछ इसे झाग कहते हैं. उस झाग को बनने देना शायद उचित नहीं है.”
250 रुपये की SIP को अनिवार्य बनाने का कोई इरादा नहीं
बुच ने यह भी कहा कि मार्केट रेगुलेटर का म्यूचुअल फंड के लिए हाल ही में शुरू की गई 250 रुपये की एसआईपी को अनिवार्य बनाने का कोई इरादा नहीं है. जब उनसे एक म्यूचुअल फंड वितरक द्वारा किसी विशेष योजना पर भारी प्रोत्साहन देने के बारे में पूछा गया तो बुच ने कहा कि SEBI ऐसी किसी योजना में हस्तक्षेप करने का इच्छुक नहीं है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि सुनिश्चित रिटर्न जैसे किसी भी पहलू पर कार्रवाई की जाएगी.