/financial-express-hindi/media/post_banners/jMZqN78tZU4eBwYEe8Pf.jpg)
As with all structural reforms during the transition, he said it is important to strengthen social safety nets to maximise the benefits and minimise any adverse implications.
Tata Sons won Air India Bid: सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया (Air India) को नया मालिक मिल गया है. केंद्र सरकार ने टाटा संस की बोली को मंजूरी दी है. टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है. टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18 हजार करोड़ की बोली लगाई थी जबकि स्पाइस जेट के संजय सिंह ने 15 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. सरकार ने इसका रिजर्व प्राइस 12906 करोड़ रुपये तय किया था. टाटा संस की एयर इंडिया का मालिकाना हक मिलने के बाद रतन टाटा ने 'वेलकम बैक एयर इंडिया' का ट्वीट किया है.
Welcome back, Air India ???????? pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
सरकार एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच दिया है. इससे पहले सरकार ने 2018 में भी इसे बेचने की असफल कोशिश की थी. सरकार तब पूरी हिस्सेदारी की बिक्री नहीं कर रही थी और अपने पास 24 फीसदी हिस्सेदारी रखना चाहती थी. सरकार को एयर इंडिया की बिक्री से 2700 करोड़ रुपये की नगदी हासिल होगी. यह सौदा इस साल दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा.
टाटा संस को चुकाना है इतना कर्ज
दीपम सचिव के मुताबिक तुहिन कांता के मुताबिक अगस्त 2021 के अंत तक एयर इंडिया का कर्ज 61562 करोड़ रुपये का था. इसमें से 46262 करोड़ रुपये का कर्ज स्पेशल पर्पज वेहिकल एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग को सौंप दिया जाएगा यानी टाटा संस को 15300 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है. एयर इंडिया के नए मालिक को देश में 4400 घरेलू व 1800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग व पार्किंग स्लॉट्स मिले हैं और विदेशों में 900 स्लॉट्स मिले हैं.
कुछ दिनों पहले दीपम सचिव ने किया था खण्डन
इस महीने की शुरुआत में एक अक्टूबर को न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में एयर इंडिया के लिए टाटा संस की बोली को मंजूरी दे दी गई है. हालांकि कुछ समय बाद ही दीपम (डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट) के सचिव ने ट्वीट कर इसका खण्डन किया. सचिव ने ट्वीट किया कि एयर इंडिया के लिए टाटा संस की बोली को मंजूरी देने की खबर गलत है. सचिव ने जानकारी दी कि इससे जुड़ा कोई भी फैसला सरकार लेती है तो इसे बताया जाएगा.
टाटा ने शुरू की थी एयर इंडिया
जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने 1932 में एयर इंडिया की शुरुआत की थी. तब इसका नाम टाटा एयर सर्विसेज था और फिर इसे टाटा एयरलाइंस कर दिया गया. टाटा ने ही पहली बार इसे कराची से बॉम्बे (अब मुंबई) के बीच डाकपत्रों को लेकर उड़ान भरा था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई और इसका नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया गया. आजादी के बाद इस विमान कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार ने अधिग्रहित कर ली. वर्ष 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशंस एक्ट पास किया और इसके जरिए एयर इंडिया में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद ली.