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वृहद आर्थिक आंकड़ों की घोषणा के बीच फरवरी 2024 के लिए होलसेल प्राइस इंडेक्स बेस्ड महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को आएंगे.(FE File)
Market Outlook This week: अमेरिकी सेंट्रल बैंक के ब्याज दर फैसलों, ग्लोबल ट्रेंड, टैरिफ पॉलिसी से जुड़ी अपडेट और विदेशी निवेशकों (FPI) की गतिविधियों से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की चाल तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. वृहद आर्थिक आंकड़ों की घोषणा के बीच फरवरी 2024 के लिए होलसेल प्राइस इंडेक्स बेस्ड महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को आएंगे.
एक्सपर्ट्स की क्या है राय?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक व्यापार को लेकर लगातार अनिश्चितताएं और अमेरिका में मंदी की आशंका स्थानीय बाजार की रफ्तार को प्रभावित कर रही है. ऐसा रुझान जारी रहने वाला है. हालांकि, हालिया ‘करेक्शन’ के बाद वैल्यूएशन में कमी, साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर इंडेक्स में नरमी और आने वाली तिमाहियों में घरेलू कंपनियों की आमदनी में उछाल की उम्मीद जैसे कारक बाजार के उतार-चढ़ाव पर कुछ अंकुश लगा सकते हैं. हालांकि, मौजूदा व्यापार को लेकर अनिश्चितताएं बरकरार हैं.
नायर ने कहा कि इस हफ्ते चीन के रिटेल सेल्स और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े वहां की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को लेकर स्पष्ट तस्वीर पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह अमेरिका के रिटेल सेल और प्रोडक्शन के आंकड़ों पर भी रहेग. साथ ही सप्ताह के दौरान बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर को लेकर निर्णय की घोषणा करेगा. इसपर भी सभी की निगाह रहेगी.
पिछले हफ्ते वैश्विक व्यापार को लेकर तनाव बढ़ने और अमेरिका में मंदी की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई थी. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस हफ्ते, हमारा अनुमान है कि कि बाजार कुछ उतार-चढ़ाव के साथ सीमित दायरे में रहेगा. बाजार की दिशा वैश्विक रुख और अमेरिकी शुल्क नीतियों से तय होगी.
पिछले हफ्ते छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्रों के दौरान बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 503.67 अंक या 0.67 फीसदी की गिरावट आई. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 155.21 अंक या 0.68 फीसदी के नुकसान में रहा.
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘निवेशक डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाए जाने की आशंका और इसके कुल प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में कुछ और समय तक नकारात्मक रुख बने रहने की संभावना हैं.