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US Fed Decision: यूएस फेड ने पिछले 15 महीनों में यूएस फेड ने पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी न करने का फैसला किया है.
US Fed Rate Pause: अमेरिकी सेंट्रल बैंक यूएस फेडलर रिजर्व (US FED) ने ब्याज दरों पर राहत दी है. पिछले 15 महीनों में यूएस फेड ने पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी न करने का फैसला किया है. इसके पहले फेड ने दरों में लगातार 10 बार बढ़ोतरी की थी. अमेरिका में बेंचमार्च ब्याज दर 5.1 फीसदी है जो 16 साल में सबसे ज्यादा है. इस बार की मीटिंग में FED के सभी 11 सदस्यों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी न करने को लेकर वोट किए. हालांकि यूएस फेड ने इस बात से इनकार नहीं किया कि आगे दरों में बढ़ोतरी होगी.
US फेड आगे फिर करेगा सख्ती!
जून पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं बढ़ाने से थोड़ी राहत तो जरूर मिली है, लेकिन सेंट्रल बैंक ने आगे दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. यूएस फेड ने संकेत दिए हैं इस साल 2 बार और ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं. मीडियन रेट मौजूदा 5.1% से बढ़कर 5.6% होने का अनुमान है. हालांकि, आगे ब्याज दर बढ़ाना है या घटाना है इस पर फैसला आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा. लेकिन महंगाई का रिस्क अभी भी बना हुआ है. नतीजतन, सख्त क्रेडिट स्थिति का इकोनॉमी पर असर पड़ेगा.
जेरोम पॉवेल ने क्या कहा?
FED चेयरमैन ने कहा कि फिलहाल ब्याज दरों में आगे कटौती की संभावना नहीं है. रेट हाइक के सही असर का आना अभी बाकी है. महंगाई का दबाव अभी भी बना हुआ है. इसलिए आगे रेट हाइक से इनकार नहीं किया जा सकता है. रेट हाइक पर सभी FOMC मेंबर्स में सहमति जरूरी है. जेरोम पॉवेल ने कहा कि जबतक महंगाई नीचे नहीं आती तब तक दरों में कटौती की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि महंगाई घटने में और समय लगेगा. इसलिए यूएस फेड साल के अंत तक ब्याज दरों में 2 बार बढ़ोतरी पर विचार करेगा.
लगातार 2 बार से भारत भी दरें स्थिर
भारत की बात करें तो आरबीआई ने मौजूदा वित्त्जू वर्ष की पनी दोनों पॉलिसी में ब्याज दरों को होल्ड पर रखा है. जिसकी वजह से देश में रेपो रेट 6.50 फीसदी पर कायम है. इससे पहले आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक ब्याज दरों में 250 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. जिसकी वजह से देश में रिटेल महंगाई 25 महीने के लोअर लेवल पर आ गई है और होल सेल इंफ्लेशन मल्टी ईयर के लो पर पहुंच गई है.