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Market Outlook: अमेरिकी टैरिफ से जुड़े अपडेट, ग्लोबल ट्रेंड और FII की गतिविधियों से तय होगी इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल

Market Outlook this week: भारतीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते अमेरिकी टैरिफ से जुड़े अपडेट, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी.

Market Outlook this week: भारतीय शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते अमेरिकी टैरिफ से जुड़े अपडेट, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी.

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FE Hindi Desk
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Market Outlook

आने वाले दिनों में ट्रेड टैरिफ की चिंताओं और फॉरेन फंड की निकासी से निवेशकों की धारणा कमजोर रह सकती है. Photograph: (FE File)

Market Outlook this week: शेयर बाजारों की चाल इस हफ्ते अमेरिकी टैरिफ से जुड़े अपडेट, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों ने कहा कि आने वाले दिनों में ट्रेड टैरिफ की चिंताओं और फॉरेन फंड की निकासी से निवेशकों की धारणा कमजोर रह सकती है. सोमवार 3 मार्च से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस पीएमआई डेटा यानी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (HSBC manufacturing and services PMI data) आएंगे, जिनपर निवेशकों की निगाह रहेगी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

  • जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों की निगाह टैरिफ पॉलिसी और बेरोजगारी दावों सहित महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर रहेगी. निकट भविष्य में बाजार की स्थिति कमजोर रहने की उम्मीद है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के नतीजों में सुधार और वैश्विक व्यापार मोर्चे पर अनिश्चितता कम होने के बाद स्थिति में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है.
  • रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि अनिश्चितता अक्सर वास्तविक घटनाक्रम से अधिक महत्वपूर्ण होती है, और बाजार वर्तमान में संभावित व्यापार युद्ध की चिंता से जूझ रहा है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली का दबाव लगातार बढ़ रहा है.’’ फरवरी में कुल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 9.1 फीसदी बढ़कर लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो घरेलू खपत से बढ़ा है और संभावित आर्थिक पुनरुद्धार का संकेत है. शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सकल आधार पर, केंद्रीय जीएसटी से संग्रह 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 43,704 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी से 90,870 करोड़ रुपये और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं.
  • मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि कमजोर वैश्विक रुख और घरेलू मोर्चे पर संकेतकों की कमी की वजह से बाजार कमजोरी के रुख के साथ कारोबार करेगा.’’ दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. यह क्रमिक आधार पर 7 तिमाहियों के निचले स्तर से उबर रही है. हालांकि, दिसंबर तिमाही की वृद्धि दर इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में कम रही है. आर्थिक वृद्धि दर का यह आंकड़ा ऐसे समय आया है जबकि अमेरिका का टैरिफ वार चुनौती बना हुआ है.
  • सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.2 फीसदी रही है. यह जुलाई-सितंबर तिमाही के 5.6 फीसदी के संशोधित आंकड़े से अधिक है. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.8 फीसदी के अनुमान से कम है. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,112.96 अंक या 2.80 फीसदी नीचे आया है. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 671.2 अंक या 2.94 फीसदी टूटा है. 
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अकेले फरवरी में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,383.7 अंक या 5.88 फीसदी टूटा है. वहीं इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,302.47 अंक या 5.55 फीसदी नीचे आया है. पिछले साल 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 के अपने शीर्ष स्तर पर पहुंचा था. तब से अबतक सेंसेक्स 12,780.15 अंक या 14.86 फीसदी नीचे आ चुका है. इसी तरह निफ्टी 27 सितंबर, 2024 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 26,277.35 अंक से 4,152.65 अंक या 15.80 फीसदी टूट चुका है.

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