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शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि 7 सदस्यीय कमेटी परीक्षा प्रक्रिया में सुधार और एनटीए की कार्यप्रणाली व संरचना को लेकर सिफारिशें देगी.
NEET NET Exam Controversy: नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए (NTA) द्वारा भविष्य में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के पारदर्शी, निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालन के लिए एक हाई लेवल पैनल बनाई है. जिसकी अध्यक्षता पूर्व इसरो चीफ डॉ के राधाकृष्णण को सौंपी गई है. इस पैनल में इसरो के पूर्व प्रमुख के अलावा 6 अन्य एक्सपर्ट भी शामिल हैं.
पूर्व इसरो चीफ की अध्यक्षता वाली कमेटी का होगा ये काम?
सात सदस्यीय हाई लेवल कमेटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की कार्यप्रणाली और संरचना को लेकर सिफारिशें देगी. कमेटी दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कमेटी एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना और हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं को मजबूत करने के उपाय सुझाएगी. कमेटी एनटीए की मौजूदा डेटा सिक्योरिटी प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना व इसके सुधार के लिए उपाय का सुझाव देगी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पारदर्शी, छेड़छाड़ मुक्त और त्रुटि रहित परीक्षाएं कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति यानी हाई लेवल पैनल का गठन परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने, सभी संभावित कदाचारों को समाप्त करने, डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों की श्रृंखला में पहला कदम है. उन्होंने कहा कि छात्रों का हित और उनका उज्ज्वल भविष्य सदैव हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.
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जीरो एरर एग्जाम कराने के लिए बनी कमेटी में ये हैं शामिल
इसरो के पूर्व चीफ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली कमेटी में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बी जे राव और दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया शामिल हैं. शिक्षा मंत्रालय की ओर बनाए गए इस पैनल में आईआईटी मद्रास सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग के को-फाउंडर व कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल भी शामिल हैं. इनके अलावा आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो आदित्य मित्तल भी इस समिति में मौजूद हैं. शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल मेंबर सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं.
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एडमिशन टेस्ट यूजी यानी नीट यूजी (NEET UG 2024) और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी यूजीसी-नेट (UGC NET) के आयोजन में गड़बड़ी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही एनटीए रविवार को 6 परीक्षा केंद्रों पर उन 1,563 उम्मीदवारों के लिए मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट की दोबारा परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रही है, जिन्हें समय की बर्बादी की भरपाई के लिए पहले ग्रेस मार्क दिए गए थे. मेडिकल में प्रवेश की परीक्षा नीट कथित लीक सहित कई अनियमितताओं को लेकर जांच के घेरे में है, वहीं यूजीसी-नेट को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया क्योंकि मंत्रालय को सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया.
देश में लागू हुआ एंटी पेपर लीक कानून
इससे पहले पेपर लीक को रोकने के लिए शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून लागू करने के लिए नोटिफाई किया. अब सरकार ने दूसरा अहम कदम उठाया है. इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार देर रात मंजूरी दी थी. इस कानून के लागू होने के बाद पेपर लीक के दोषियों को तीन साल से 10 साल तक की सजा और 10 लाख से एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है.