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Wheat Buying : सेंट्रल फूड सेक्रेटरी ने कहा कि केंद्र सरकार विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में करीब 3.5 करोड़ टन गेहूं की खरीद करेगी.
Food Secretary Sanjeev Chopra Says High Temperature Unlikely to Damage Wheat Crops : केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि तापमान थोड़ा अधिक होने के बावजूद गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका नहीं है. उन्होंने भरोसा जताया कि जून को समाप्त होने वाले इस फसल वर्ष में 11.2 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. सचिव ने कहा कि गेहूं के निर्यात यानी एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध जारी रहेगा, जिससे सरकारी खरीद के लिए अनाज की उपलब्धता बढ़ेगी. चोपड़ा ने कहा कि अभी तक कोई प्रतिकूल मौसम की स्थिति नहीं है. तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक है, लेकिन तथ्य यह है कि यह गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालने वाला है.
नई फसल आने के बाद गेहूं की कीमतों आएगी गिरावट : संजीव चोपड़ा
सेंट्रल फूड सेक्रेटरी ने कहा कि केंद्र सरकार विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में करीब 3.5 करोड़ टन गेहूं की खरीद करेगी. रबी की प्रमुख फसल गेहूं की अधिकांश खरीद अप्रैल और जून के बीच होती है. चोपड़ा ने गुरूवार की शाम को एक कार्यक्रम के इतर हुई बातचीत में कहा कि गेहूं की कीमतों में कमी आई है और नई फसल आने के बाद कीमतों में और गिरावट आएगी. इसी बुधवार को हमने राज्य के खाद्य सचिवों के साथ एक बैठक की. उसके बाद राज्य के खाद्य मंत्रियों के साथ एक बैठक हुई. और हमने बैठक में जो पाया है वह यह है कि देश में खाद्य परिदृश्य संतोषजनक स्थिति में है.
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गेहूं की फसल पर प्रतिकूल परिस्थिति नहीं : खाद्य सचिव
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि मौसम विभाग ने मौसम की स्थिति के संबंध में एक प्रस्तुति दी है. सचिव ने कहा कि इसलिए, अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई गर्मी की लहर की आशंका नहीं है. उन्होंने इस समय को फसल तैयार होने की एक महत्वपूर्ण अवधि बताया. चोपड़ा ने कहा कि इसलिए आज तक किसी भी सूखे गेहूं या गेहूं की फसल के बारे में कोई प्रतिकूल परिस्थितियों की कोई रिपोर्ट नहीं है.
रिकार्ड गेहू के उत्पादान की उम्मीद : कृषि मंत्रालय
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, उन्हें इस फसल वर्ष में 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन होने की उम्मीद है. भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रहा. इसका कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू है. खाद्य सचिव ने कहा कि अभी तक कोई प्रतिकूल मौसम की स्थिति नहीं है. तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक है, लेकिन तथ्य यह है कि यह गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालने वाला है.
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गेहूं की खुदरा कीमतों में 10 फीसदी की आई कमी
खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं बेचने के सरकार के फैसले के बाद गेहूं की खुदरा कीमतों पर असर के बारे में पूछे जाने पर चोपड़ा ने कहा कि दरों में करीब 10 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा कि मंडी की कीमतें, जो हमारे लिए चिंता का विषय थीं, भी धीरे-धीरे नीचे आ रही हैं. उन्होंने बताया कि खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) शुरू करने के बाद मंडी स्तर पर गेहूं की मॉडल कीमत 25 जनवरी को 2,800 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है. कीमतें पिछले सत्र के गेहूं के संबंध में हैं जो बाजार में आ रहा है. चोपड़ा ने कहा कि इसलिए जब भी हम इस सत्र का गेहूं बाजार में लाना शुरू करेंगे, तो जाहिर है कि कीमतों में और गिरावट आएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या ओएमएसएस के तहत और गेहूं की बिक्री की जाएगी, उन्होंने कहा कि अब तक घोषित 50 लाख टन ही पर्याप्त होगा. भारतीय खाद्य निगम (FCI) पहले ही 45 लाख टन निर्धारित गेहूं में से लगभग 23.4 लाख टन थोक उपभोक्ताओं को बेच चुका है. इस महीने दो और दौर की नीलामी होगी.
(इनपुट : भाषा)