/financial-express-hindi/media/media_files/cEVPqYb1IckPkbtRAUTK.jpg)
Gold Rate:सोने को निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प माना जाता है. (Image: Pixabay)
Gold Buy on Dussehra: दशहरे पर सोना खरीदने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इससे धन और सुख समृद्धि आती है. पीढ़ियों से, सोना निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प रहा है और यह शेयरों की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है. निवेश पोर्टफोलियो में भी सोना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
गहना बनाने में इस सोने का होता है इस्तेमाल
गहनों की बात करें तो गोल्ड प्योरिटी के आधार पर तमाम तरह के सोने बाजार में उपलब्ध हैं. कीमती धातु खरीदते समय प्योरिटी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. बता दें कि सोने की प्योरिटी कैरेट में मापी जाती है. अगर आप प्योर गोल्ड लेने के बारे में सोच रहे हैं तो यह 24 कैरेट होता है. हालांकि आपको ज्वैलरी 100 फीसदी प्योर गोल्ड में नहीं मिलेगी. वजह ये है कि सोना बहुत सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल होता है. इसके चलते 24 कैरट गोल्ड की ज्वैलरी नहीं बन पाती है. लेकिन गोल्ड बार या क्वॉइन प्योर गोल्ड में खरीदा जा सकता है.
24 कैरेट सोना शुद्ध होता है जबकि 22 कैरेट सोने में कुछ भाग अलॉय का होता है. गहनों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प 22 कैरेट सोना है, जिसमें 91.6% सोना होता है. भारत में आम तौर पर 22 कैरेट सोने के गहने स्टैंडर्ड शुद्धता माने जाते हैं. आपको 14 और 18 कैरेट सोने के गहने भी मिलेंगे. ध्यान रखें कि 22 कैरेट सोना 14 और 18 कैरेट सोने से अधिक महंगा होगा.
सोना खरीदते समय हॉलमार्क को न करें नजरअंदाज
ज्यादातर लोग गोल्ड खरीदते वक्त हॉलमार्क को अनदेखा करते हैं. लेकिन आप ऐसा न करें. सोना खरीदने से पहले, हॉलमार्किंग की जांच जरूर कर लें. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है. जिसका निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है. गोल्ड के शुद्ध होने की गांरटी बीआईएस हॉलमार्क होता है. इसलिए बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी न खरीदें. गोल्ड क्वॉइन खरीदते वक्त भी जांच लें कि वह BIS सर्टिफाई है या नहीं.
किसी भी गोल्ड आइटम पर पांच चीजें मार्क होती हैं- BIS लोगो, प्योरिटी या फाइनेंस दर्शाने वाला नंबर जैसे 22 कैरेट या 916, एसेइंग या हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो, मार्किंग की साल और ज्वैलर्स आइडेंटिफिकेशन नंबर. BIS की ओर से यह घोषणा की जा चुकी है कि वह केवल 22, 18 और 14 कैरेट वाली गोल्ड ज्वैलरी पर ही हॉलमार्किंग करेगा. यह नियम 1 जनवरी 2017 से लागू हो गया है.
प्रमुख ज्वेलर्स के पास कितनी है कीमत, यहां चेक कर लिस्ट
गोल्ड सेलर | 22 कैरेट का दाम (1gm) |
कल्याण ज्वेलर्स (Kalyan Jewellers) | 7095 रुपये |
मालाबार गोल्ड (Malabar gold) | 7,095 रुपये |
जोयालुक्कास (Joyallukas) | 7,095 रुपये |
तनिष्क (Tanishq) | 7105 रुपये |
(नोट: 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे लिस्ट में शामिल गोल्ड सेलर की आधिकारिक बेवसाइट से ये डेटा ली गई है.)
कैसे तय होती है सोने के गहनों की कीमत?
सोने के गहनों की फाइनल प्राइस तक करते वक्त एक फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हैं, जो इस प्रकार है. जेवर की अंतिम कीमत = (सोने की कीमत x वजन ग्राम में) + मेकिंग चार्ज + 3% जीएसटी + हॉलमार्किंग चार्ज. ज्वेलर्स मेकिंग खर्च भी जोड़ते हैं, जिसे कुछ लोग वेस्ट फीस कहते हैं. यह अक्सर फीसदी या प्रति ग्राम के हिसाब से कैलकुलेट की जाती है. कुछ ज्वेलर्स दोनों तरीकों का संयोजन करते हैं. वे सोने की वर्तमान कीमत से 1% घटाकर प्रति ग्राम के हिसाब से चार्ज करते हैं.