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Invest in Silver: सोने की तरह ही चांदी भी महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में काम करता है.
Invest in Silver ETF: महंगाई अभी भी चिंता बनी हुई है, वहीं इकोनॉमी के मोर्चे पर ग्लोबली अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. ऐसे में निवेशक अपने निवेश को लेकर भी चिंतिंत हैं. बाजारों का हाई वैल्युएशन भी निवेशकों को सतर्क कर रहा है. दूसरी ओर चांदी ने 1 साल में करीब 10,000 रुपये प्रति किलो का रिटर्न दिया है और इसकी कीमतें इस दौरान 61901 रुपये से बढ़कर 71425 रुपये पहुंच गई है. सवाल उठता है कि क्या महंगाई और ग्लोबल अनिश्चितता के दौर में चांदी हेजिंग यानी बचाव के रूप में काम कर सकती है, क्या यह महंगाई से सुरक्षा दे सकती है.
सिल्वर ईटीएफ है बेहतर विकल्प
एक्सपर्ट का कहना है कि किसी विशेष एसेट या एसेट क्लास में उतार-चढ़ाव का मुकाबला करने के लिए, निवेशक अपने पोर्टफोलियो में वैकल्पिक निवेश जैसे कि कमोडिटीज को शामिल कर डाइवर्सिफिकेशन हासिल कर सकते हैं. भारत में, कमोडिटी या डेरिवेटिव में ट्रेड किए बिना कमोडिटी सेगमेंट में एक्सपोजर हासिल करने के लिए गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश करना दो सबसे प्रमुख निवेश स्ट्रैटेजी हैं. ये ईटीएफ निवेशकों को फिजिकल गोल्ड और चांदी में निवेश करने के बजाय कीमती धातुओं में डिजिटल रूप में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं. सोना और चांदी दोनों ही पोटेंशियल इकोनॉमिक या बाजार में गिरावट के साथ-साथ बढ़ती महंगाई के दौर में हेजिंग यानी बचाव का काम कर सकते हैं.
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निवेश का नया विकल्प
सिल्वर ईटीएफ में निवेश कना चाहते हैं तो आपके पास नया विकल्प है. मिरे एसेट म्युचुअल फंड ने यानी 29 मई 2023 को मिरे एसेट सिल्वर ईटीएफ लॉन्च किया है. यह एक ओपेन एंडेड स्कीम है जो चांदी के घरेलू मूल्य की प्रतिकृति/ट्रैकिंग करेगी. यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 29 मई, 2023 को खुलेगा और 6 जून, 2023 को बंद होगा. यह योजना 12 जून, 2023 को सेल और री-परचेज (बिक्री और पुनर्खरीद) के लिए फिर से खुलेगी. अलॉटमेंट के डेट से 5 दिनों के अंदर ईटीएफ यूनिट्स की बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग होगी. मिरे एसेट सिल्वर ईटीएफ का प्रबंधन रितेश पटेल करेंगे. एनएफओ के दौरान, एक निवेशक कम से 5000 रुपये निवेश कर सकता है, जिसके बाद 1 के मल्टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है.
कमोडिटी-बेस्ड ETFs में अच्छी ग्रोथ
कमोडिटी-बेस्ड ETFs के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में पिछले 3 साल में बढ़ोतरी देखी गई है. इस दौरान AUM 35% सीएजीआर से 10,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,718 करोड़ रुपये हो गया है. SEBI द्वारा ETFs बेस्ड सिल्वर की अनुमति के साथ, 8 सिल्वर बेस्ड ETFs को अलग अलग म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा साल 2022 में लॉन्च किया गया था, जो अब 1785 करोड़ रुपये की एसेट्स को मैनेज कर रहे हैं.
सोर्स: 30 अप्रैल 2023 तक AMFI डाटा और Ace.
*पिछले 3 साल का यहां मतलब अप्रैल 2020 से अप्रैल 2023 है.
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सिल्वर ETF में क्यों करना चाहिए निवेश
- चांदी महंगाई के खिलाफ हेजिंग यानी बचाव के रूप में काम करती है और डॉलर की बढ़ती गति भी इसके विपरीत होती है, चांदी का इंडस्ट्री में भी इस्तेमाल होता है और इंडस्ट्रियल डिमांड से इसकी कीमतें बढ़ती हैं.
- अभी चांदी की डिमांड बढ़ाने वाले कई फैक्टर मौजूद हैं, जिनमें कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ग्रोथ, 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और ग्रीन इकोनॉमी विशेष रूप से सोलर फोटोवोल्टिक (PV) पैनल में चांदी का बढ़ रहा इस्तेमाल शामिल हैं.
- पिछले 5 साल में, चांदी ने 13.1% की दर से रिटर्न दिया है जो निफ्टी 50 इंडेक्स के 12.3% और गोल्ड द्वारा 13.0% रिटर्न से ज्यादा है (30 अप्रैल, 2023 तक).
- चांदी में जोखिम लेने के लिए ETF एक अपेक्षाकृत कम लागत वाला और आसान विकल्प है क्योंकि यह स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह ही खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है.
- पिछले 2 साल यानी 2021 और 2022 से, चांदी की डिमांड इसकी सप्लाई से अधिक हो गई है. हालांकि, अन्य मैक्रो-फैक्टर्स के कारण कीमतों में इतनी बढ़ोतरी नहीं हुई है. इन मैक्रो-फैक्टर्स के कूल होने पर सप्लाई डेफिसिट की ओर फिर से ध्यान आकर्षित होगा.
मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के हेड- ETF प्रोडक्ट, सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा कि अर्थव्यवस्था की उथल-पुथल के समय चांदी को व्यापक रूप से सोने की तरह ही डॉलर के मुकाबले एक अच्छा बचाव माना जाता है. इन फैक्टर्स के अलावा, चांदी की कीमत को इंडस्ट्रियल सेटिंग्स में इसके बढ़ते उपयोग से सपोर्ट मिला है, जो अब चांदी की एनुअल डिमांड का लगभग 50 फीसदी हिस्सा है. ये फैक्टर चांदी को लंबी अवधि के लिए से या अलग अलग टेक्निकल इंडीकेटर्स के आधार पर सामरिक आवंटन के लिए एक निवेशक के पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए एक बहुत ही आकर्षक एसेट बनाते हैं. मिरे एसेट सिल्वर ईटीएफ को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) सिल्वर डेली स्पॉट फिक्सिंग प्राइस पर घरेलू चांदी की कीमत के आधार पर बेंचमार्क किया जाएगा.