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Budget Expectations: इलाज की सुविधाएं बढ़े और रिसर्च पर दी जाए जोर, सरकार से आगामी बजट में हेल्थ सेक्टर की डिमांड

हेल्थ केयर सेक्टर को आगामी बजट से उम्मीद है कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'स्वस्थ भारत' के निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देगी.

हेल्थ केयर सेक्टर को आगामी बजट से उम्मीद है कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'स्वस्थ भारत' के निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देगी.

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FE Hindi Desk
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Health care sector

आईएमए ने बजट से पहले अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है. (Image: Freepik)

Budget 2024 Expectations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के आगामी बजट को लेकर हेल्थ केयर सेक्टर के जानकारों का मानना है कि भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तैयार करने के लिए सरकारी खर्च बढ़ाई जाएगी. बजट में सरकार हेल्थ केयर सेक्टर को मजबूत बनाने के साथ-साथ बेहतर बुनियादी ढांचे और एडवांस लेवल के इनोवेशन पर जोर देगी. भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं. जिसमें बेहतर इलाज की सुविधा, गुणवत्ता में सुधार और रिसर्च एंड डेवलेपमेंट को बढ़ावा शामिल हैं.

हेल्थ केयर सेक्टर पर खर्च बढ़ाने की मांग: डॉ गिरधर ज्ञानी

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स- इंडिया (एएचपीआई) के डीजी डॉ गिरधर ज्ञानी ने कहा कि उभरते स्वास्थ्य खतरों से निपटने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए सरकारी खर्च में बढ़त जरूरी है. उन्होंने कहा कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'स्वस्थ भारत' के निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देनी चाहिए.

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उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और निदेशक प्रबल घोषाल ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा खर्च को जीडीपी के 2.5 फीसदी तक बढ़ाने का आग्रह किया. आईएमए के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने बताया कि जीडीपी के मुकाबले हेल्थ सेक्टर के लिए आवंटन काफी कम है. इसके अलावा पेयजल, स्वच्छता जैसे स्वास्थ्य निर्धारकों पर किए जाने वाले खर्च को अलग से देना चाहिए. आईएमए ने बजट से पहले अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है. फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ और प्रबंध निदेशक आशुतोष रघुवंशी ने जीडीपी के मुकाबले खर्च को 2.5 फीसदी तक बढ़ाकर हेल्थ केयर के बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने बात कही.

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आयुष्मान भारत योजना का होना चाहिए पुनर्गठन 

डॉ ज्ञानी ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को स्वायत्त राज्य बोर्डों के तहत पेशेवर बनाया जाना चाहिए और सभी एसईसीसी यानी सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic Caste Census -SECC 2011) के तहत आने वाले पात्र लाभार्थियों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का पुनर्गठन होना चाहिए. अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि देश के आर्थिक स्वास्थ्य और इसके स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के बीच महत्वपूर्ण संबंध को स्वीकार करना अहम है. उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत हेल्थ केयर सेक्टर हमारी रणनीति के केंद्र में होना चाहिए.

Budget 2024 Expectations