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22 सितंबर से लागू होने वाली नई GST दरें खरीदारी बढ़ाने वाली हैं. ऐसे में वित्त मंत्री ने निजी कंपनियों से कैपेक्स बढ़ाने और देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में योगदान देने की अपील की. (Image:)
Corporate India got tax cuts, GST reform - So why still no investment push? FM Sitharaman’s big question to India Inc.: आगामी 22 सितंबर से लागू होने वाली जीएससी की नई दरें (GST 2.0) त्योहारों से पहले घरेलू सामान और उपभोग की चीजों को सस्ता बनाएंगी, जिससे लोगों की खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस (Financial Express) को दिए इंटरव्यू में निजी निवेश की कमी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार के निवेश के अलावा प्राइवेट सेक्टर को भी अब मांग बढ़ने के भरोसे निवेश करना चाहिए.
निजी कंपनियां बढ़ाएंगी निवेश, सरकार को उम्मीद
वित्त मत्री ने बताया कि पहले निजी कंपनियों को यह चिंता थी कि मांग नहीं बढ़ रही, इसलिए वे रिस्क उठाकर निवेश नहीं कर पा रही थीं. लेकिन जीएसटी रिफार्म के बाद यह बाधा अब दूर हो जाएगी. उनका कहना था कि डिमांड में बढ़ोतरी अब साफ दिखने लगेगी, ऐसे में उम्मीद है कि निजी कंपनियां आगे आएंगी और निवेश बढ़ाएंगी.
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से भी प्राइवेट सेक्टर को फायदा हुआ था, लेकिन तब भी निवेश उतना नहीं हुआ. कई कंपनियों का कहना था कि अगर मांग नहीं बढ़ी, तो जोखिम लेना मुश्किल होगा. अब जीएसटी रिफार्म के बाद यह सवाल भी खत्म हो जाएगा.
आंकड़े बताते हैं कि भारतीय कंपनियों के पास करीब 13.5 लाख करोड़ रुपए नकद जमा हैं, लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निवेश हाल के कई तिमाहियों में सबसे कम रहा. सीतारमण ने स्पष्ट किया कि “प्राइवेट सेक्टर को और काम करना होगा, सरकार अकेले सब नहीं कर सकती. हम सिर्फ उन्हें प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन अंत में यह उनका व्यावसायिक निर्णय होगा.”
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वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी रिफार्म से भारत में उपभोग बढ़ेगा, उद्योग उत्पादन बढ़ाएगा, नई नौकरियां आएंगी और लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा. यह पूरी प्रक्रिया एक सकारात्मक चक्र की तरह काम करेगी, जिससे जीडीपी (GDP) में मजबूती और आर्थिक विकास होगा. उन्होंने जोर देकर कहा, “जीएसटी रेट कट का असर हर भारतीय की जिंदगी पर महसूस होगा.”