/financial-express-hindi/media/media_files/2025/09/08/railway-2025-09-08-13-09-49.jpg)
रेलवे अब तकनीक के जरिए अधिक सुरक्षित और स्मार्ट बन रहा है. (Image: FB/centralrailwayindia)
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा में केवल कूटनीति ही नहीं बल्कि भारत की भविष्य की परिवहन योजनाओं पर भी ध्यान गया. मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की गति को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी योजना पेश की है, 7,000 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड रेल नेटवर्क, जो भारतीयों के यात्रा, काम और जीवन के तरीके को बदल सकता है. मुंबई अहमदाबाद कॉरिडोर, जो जापानी तकनीक और विशेषज्ञता से बन रहा है, अगले कुछ वर्षों में यात्री सेवाओं के लिए तैयार हो जाएगा.
एआई से सेफ ट्रेन और स्टेशन
रेलवे अब तकनीक के जरिए अधिक सुरक्षित और स्मार्ट बन रहा है. इस साल रेलवे ने डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Dedicated Freight Corridor Corporation of India) के साथ समझौता किया है, जिसके तहत मशीन विजन बेस्ड इंस्पेक्शन सिस्टम (Machine Vision Based Inspection System) लगाई जाएगी. यह एआई और मशीन लर्निंग आधारित तकनीक ट्रेन के अंडर गियर की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेगी और किसी भी ढीली या गिरी हुई चीज़ को तुरंत पहचान सकेगी. इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं को कम करना और सुरक्षा बढ़ाना है, साथ ही मैनुअल निरीक्षण की जरूरत भी घटेगी.
इस साल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के दौरान हुई भीड़ में 18 लोगों की मौत के बाद, रेलवे ने 60 हाई ट्रैफिक स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग जोन बनाने का निर्णय लिया है. एआई आधारित भीड़ और संकट प्रबंधन के जरिए यात्रियों को सुरक्षित क्षेत्रों में मार्गदर्शन किया जाएगा.
इसके अलावा रेलवे ने इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (Intrusion Detection System) लगाया है, जो हाथी और अन्य जंगली जानवरों की मौजूदगी का पता लगाता है और लोको पायलट को तुरंत चेतावनी देता है. उत्तर पूर्वी रेलवे के संवेदनशील मार्गों पर 141 किलोमीटर पर यह सिस्टम काम कर रहा है. लेवल क्रॉसिंग पर इनोवेटिव हनी बी बजर डिवाइस लगाए गए हैं, जो हाथियों को रेल पटरियों से दूर करते हैं.
स्मार्ट स्टेशन और बेहतर यात्री एक्सपीरियंस
रेलवे इस साल 74,000 पैसेंजर कोच और 15,000 लोकोमोटिव में सीसीटीवी कैमरे लगाएगा. ये कैमरे कम रोशनी में और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर भी काम करेंगे. एआई पावर्ड निगरानी असामान्य व्यवहार पहचान कर वास्तविक समय में अलर्ट देगी.
कोलकाता का हावड़ा जंक्शन, मुंबई का CSMT, नई दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद का सेकुंडराबाद और बिहार का दानापुर जैसे सात प्रमुख स्टेशन एआई आधारित फेसियल रिकग्निशन सिस्टम से लैस होंगे. इससे सुरक्षा बढ़ेगी और टिकट जांच व बोर्डिंग प्रक्रिया तेज होगी. यात्रियों को रियल टाइम वीडियो एनालिटिक्स के जरिए संदिग्ध गतिविधियों का पता भी लगाया जा सकेगा.
एआई का फायदा सीधे यात्रियों तक पहुंचता है, जैसे लेट ट्रेनों की जानकारी, वैकल्पिक कनेक्शन, तेज मार्ग और सीट प्रेफरेंस सुझाव. डिजिटल टिकटिंग सिस्टम भी एआई की मदद से कतार, धोखाधड़ी और प्रशासनिक काम को कम करता है.
सिलिकॉन वैली स्थित एआई विशेषज्ञ अंकुष शर्मा के अनुसार, एआई रेल में खोज को व्यावहारिक असर में बदल रहा है. तेज, सुरक्षित और हरित यात्रा और स्मार्ट शहरों के लिए उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर. हाई स्पीड रेल एआई और डिजिटल तकनीक के लिए एक जीवित प्रयोगशाला है.