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Foxconn India Plans: ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने कहा है कि वेदांता ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर खत्म करने के एलान के बावजूद भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में निवेश करने का उसका इरादा बदला नहीं है. (File Photo : REUTERS)
Foxconn plans to apply separately for chip manufacturing incentives in India: फॉक्सकॉन ने कहा है कि भारत में चिप मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में निवेश करने में उसकी दिलचस्पी अब भी बरकार है. वियतनाम की दिग्गज कंपनी ने सोमवार को ही अनिल अग्रवाल के वेदांता ग्रुप के साथ अपने ज्वाइंट वेंचर से अलग होने का एलान किया था. लेकिन मंगलवार को जारी बयान में कंपनी ने कहा कि वेदांता से अलग होने के बावजूद वो अब भी भारत में निवेश करना चाहती है. कंपनी ने बयान में कहा है कि भारत सरकार की तरफ से चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए दिए जाने वाले प्रोत्साहनों (chip manufacturing incentives) को हासिल करने के लिए वो अलग से एप्लीकेशन देने की योजना बना रही है.
नए पार्टनर से हाथ मिला सकती है फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में संकेत दिया गया है कि कंपनी इसके लिए किसी नए पार्टनर से हाथ मिला सकती है. यह नया पार्टनर भारतीय या विदेशी कोई भी हो सकता है. कंपनी ने कहा कि भारत में निवेश के लिए उसकी प्रतिबद्धता अब भी बरकार है और वो भारत सरकार के मोडिफाइड प्रोग्राम फॉर सेमीकंडक्टर्स एंड डिस्प्ले फैब इकोसिस्टम (Modified Programme for Semiconductors and Display Fab Ecosystem) के तहत एक नया एप्लीकेशन सबमिट करने की तैयारी कर रही है. फॉक्सकॉन ने कहा कि उसे भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की स्थापना का पूरा भरोसा है. हालांकि कंपनी ने कहा कि “इसमें अभी समय लगेगा. फॉक्सकॉन ने भारत में 2006 में काम करना शुरू किया था और कंपनी अब भी यहां मौजूद है. भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री अपने शुरुआती दौर में है और फॉक्सकॉन भी इसकी ग्रोथ के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहती है.”
गुजरात में लगना था फॉक्सकॉन-वेदांता का साझा उद्यम
फॉक्सकॉन ने इससे पहले भारत में सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए अनिल अग्रवाल के वेदांता ग्रुप से हाथ मिलाया था. दोनों कंपनियां मिलकर गुजरात में चिप मैन्युफैक्चरिंग इकाई लगाने वाली थीं, जिस पर करीब 19.5 अरब डॉलर का निवेश किया जाना था. लेकिन सोमवार को इस ज्वाइंट वेंचर को रद्द करने का एलान कर दिया गया. मोदी सरकार अपने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के जरिये भारत को सेमीकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना चाहती है. इस लिहाज से गुजरात में लगाए जाने वाले फॉक्सकॉन और वेदांता के साझा उपक्रम की काफी अहमियत रही है. यही वजह है कि इस JV को रद्द करने के एलान को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था. ऐसे में फॉक्सकॉन का ताजा बयान राहत देने वाला है. हालांकि मोदी सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा था कि फॉक्सकॉन के वेदांता ज्वाइंट वेंचर से हटने के एलान की वजह से भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही कंपनियों के पास सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में पहले से कोई अनुभव नहीं था और फैब्रिकेशन टेक्नॉलजी को किसी तीसरे टेक पार्टनर से हासिल किया जाना था.
JV खत्म करने का फैसला आपसी सहमति से : फॉक्सकॉन
वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर को खत्म करने का जिक्र करते हुए फॉक्सकॉन ने कहा कि यह फैसला दोनों पार्टनर्स ने आपसी सहमति से किया है. कंपनी ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, “यह कोई निगेटिव एलान नहीं है. दोनों कंपनियों को महसूस हो रहा था कि प्रोजेक्ट उम्मीद के मुताबिक सही रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. ऐसी कई चुनौतियां और गैप थे, जिन्हें हम आसानी से दूर नहीं पा रहे थे. इसके अलावा प्रोजेक्ट से जुड़ी कई एक्सटर्नल दिक्कतें भी थीं.” कंपनी ने कहा कि वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर से हटने का फैसला काफी गंभीरता से विचार-विमर्श करने के बाद किया गया. फॉक्सकॉन का कहना है कि किसी नए इलाके में फैब्रिकेशन का काम शुरू करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन कंपनी भारत में निवेश करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.