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India Exports Data : भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून 2023 के दौरान देश के एक्सपोर्ट में 22% की भारी गिरावट दर्ज की गई है. (Image : Pixabay)
Indian Exports decline 22% to USD 32.97 billion in June: ग्लोबल डिमांड में कमी के कारण देश के एक्सपोर्ट यानी निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यह ट्रेंड जून महीने के सरकारी आंकड़ों में देखने को मिला है. मोदी सरकार के वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2023 में देश का निर्यात पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 22 फीसदी घटकर 32.97 अरब डॉलर रह गया. यह पिछले तीन साल के दौरान देश के निर्यात का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले मई 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान देश के एक्सपोर्ट में 36.47 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
ग्रोथ पर पड़ रहा ग्लोबल फैक्टर्स का असर : सरकार
केंद्र सरकार के कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रेड सेक्टर की ग्रोथ ग्लोबल फैक्टर्स के हाथ में है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका और यूरोप समेत तमाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर डिमांड घटने के कारण ही निर्यात में कमी आई है. यही वजह है कि देश का जो निर्यात जून 2022 में 42.28 अरब डॉलर था, वो जून 2023 में 22 फीसदी घटकर 32.97 अरब डॉलर रह गया. जून 2023 के दौरान देश में होने वाला आयात (Import) भी 17.48 फीसदी घटकर 53.10 अरब डॉलर रह गया. एक्सपोर्ट के साथ ही साथ इंपोर्ट में भी गिरावट आने की वजह से देश का व्यापार घाटा जून 2023 में घटकर 20.3 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि जून 2022 में यह 22.07 अरब डॉलर रहा था. वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान भी देश का व्यापार घाटा (trade deficit) 7.9 फीसदी सुधरकर 57.6 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान यह 62.6 अरब डॉलर था.
अमीर देशों की आर्थिक सुस्ती और महंगाई ने बनाया दबाव
कॉमर्स सेक्रेटरी बर्थवाल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसी बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने के साथ ही महंगाई (inflation) से जुड़े दबाव भी देखने को मिल रहे हैं. इसके चलते आर्थिक सुस्ती के बावजूद अमीर देश सख्त मॉनेटरी पॉलिसी अपना रहे हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेड पर बुरा असर पड़ रहा है. बर्थवाल ने कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स आने वाले महीनों के दौरान डिमांड में सुधार आने की उम्मीद कर रही हैं. ऐसे में जुलाई के महीने से एक्सपोर्ट डिमांड बढ़ने की संभावना हो सकती है.
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पहली तिमाही में 15.13% गिरा देश का एक्सपोर्ट
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमारी यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान देश का एक्सपोर्ट कुल 15.13 फीसदी की गिरावट के साथ 102.68 अरब डॉलर रह गया. इस दौरान देश का इंपोर्ट भी 12.67 प्रतिशत घटकर 160.28 अरब डॉलर पर आ गया. जून के महीने में ऑयल इंपोर्ट 33.8 फीसदी घटकर 12.54 अरब डॉलर हो गया, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 18.52 प्रतिशत घटकर 43.4 अरब डॉलर रहा. हालांकि जून में सोने का इंपोर्ट 82.38 फीसदी बढ़कर करीब 5 अरब डॉलर पर जा पहुंचा, जबकि अप्रैल-जून 2023 के तीन महीनों के दौरान यह 7.54 फीसदी घटकर 9.7 अरब डॉलर रहा.
ग्लोबल ग्रोथ रेट 3.1% से घटकर 2.1% पर आने की आशंका
कॉमर्स मिनिस्ट्री का कहना है कि देश के ट्रेड परफॉर्मेंस में आई गिरावट के पीछे ग्लोबल फैक्टर्स का हाथ है. इसके साथ ही पिछले साल की हाई ग्रोथ रेट का बेस इफेक्ट भी इसकी एक वजह है, क्योंकि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 'बहुत ज्यादा' ग्रोथ देखने को मिली थी. वर्ल्ड बैंक की जून 2023 की ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट (World Bank Global Economic Prospects Report) के मुताबिक दुनिया की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 3.1 फीसदी की रफ्तार से ग्रोथ हुई थी, जो इस साल घटकर 2.1 फीसदी पर आने की आशंका है.