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How to Boost Export: निर्यातकों ने देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ डिमांड की है.
Budget 2022-23 Exporters Demand: घरेलू निर्यातकों ने देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आगामी आम बजट में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट और आसानी से लोन उपलब्धता जैसे उपायों की मांग की है. निर्यातकों के अनुसार निर्यात उत्पादों पर शुल्क और टैक्स की छूट (RoDTEP) स्कीम रीइंबर्समेंट के साथ ही निर्यात प्रोत्साहन और अन्य पहलों को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्रालय द्वारा वाणिज्य विभाग को उचित धन उपलब्ध कराने की जरूरत पर भी जोर दिया.
बता दें कि आम बजट 2023-24 ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब कई तरह की आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं. इस बार केंद्रीय बजट जियो-पॉलिटिकल टेंशन, हाई इनफ्लेशन और सुस्त ग्लोबल ग्रोथ के दौर में पेश किया जा रहा है.
सीमा शुल्क में बदलाव की मांग
आरओडीटीईपी के तहत विभिन्न केंद्रीय और राज्य शुल्क, लागत उत्पादों पर लगाए गए टैक्स और लेवी और इस तरह के अन्य टैक्स को वापस कर दिया जाता है. उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सीमा शुल्क में कुछ बदलाव और सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने का सुझाव भी दिया.
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इकोनॉमिक ग्रोथ में निर्यात अहम
मुंबई स्थित निर्यातक और बंबई कपड़ा शोध संस्थान के चेयरमैन एस के सराफ ने कहा कि देश की आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए निर्यात की महत्वपूर्ण भूमिका है. बजट में इस क्षेत्र के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान होना चाहिए. उन्होंने ऐसी यूनिट को बिजली शुल्क में छूट देने की मांग की, जो अपने उत्पादन का 50 फीसदी से अधिक निर्यात कर रहे हैं. आम बजट 2023-24 को 1 फरवरी 2023 को पेश किया जाना है.
इंडस्ट्री की क्या है डिमांड
इंडस्ट्री का कहना है कि निजी निवेश को बढ़ाकर ग्रोथ हासिल करने पर फोकस होना चाहिए. वहीं यह भी कहा गया कि रोजगार बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देने के साथ ही टैक्सबेस और कंजम्पशन बढ़ाने के लिये जीएसटी और इनकम टैक्स स्लैब को बेहतर बनाया जाना चाहिए. हाल ही में इंडस्ट्री ने निवेश से ग्रोथ हासिल करने के लिए 5 प्वॉइंट स्ट्रैटेजी भी बताई है.
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पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने निजी निवेश में तेजी लाने के लिए 5 प्वॉइंट स्ट्रैटेजी का सुझाव दिया. इसमें कंजम्पशन बढ़ाने, कारखानों में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में बढ़ोतरी, रोजगार सृजन को बढ़ावा, सोशन इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी में सुधार और भारत की आर्थिक ग्रोथ में तेजी लाने के उपाय शामिल हैं.