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Bidding for Oil, Gas Blocks: भारत के 10 ऑयल गैस ब्लॉक के लिए बोली लगाने का काम पूरा हो गया है. ONGC ने सबसे ज्यादा 9 ब्लॉक के लिए बोली लगाई है. लेकिन दिग्गज विदेशी कंपनियां इस बार भी बोली से दूर रहीं. (File Photo : Reuters)
Bidding concludes for Oil, Gas Blocks : भारत के 10 ऑयल और गैस ब्लॉक्स के लिए 5 कंपनियों ने बोली लगाई है. इन कंपनियों में सरकारी क्षेत्र की कंपनियों ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के अलावा रिलायंस-बीपी (Reliance-BP Exploration), अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता (Vedanta Ltd) और सन पेट्रोकेमिकल्स (Sun Petrochemicals) शामिल हैं. इन सभी कंपनियों ने ऑफर किए जा रहे 10 ब्लॉक्स के लिए कुल 13 बोलियां लगाई हैं. लेकिन एक्सॉन-मोबिल (ExxonMobil), शेवरॉन (Chevron) और टोटल एनर्जीज (TotalEnergies) जैसी अंतरराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियों ने इस बार भी बिडिंग में हिस्सा नही लिया. यह जानकारी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन (DGH) ने दी है.
कई बार आगे बढ़ी डेडलाइन
भारत सरकार ने अपनी ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के तहत पिछले साल जुलाई में 10 ब्लॉक ऑफर किए थे. लेकिन उम्मीद के मुताबिक बोलियां नहीं मिलने की वजह से बिडिंग की डेडलाइन कई बार बढ़ानी पड़ी. आखिकार बोली लगाने का यह दौर पिछले हफ्ते ही खत्म हुआ है. 10 ब्लॉक में से सात के लिए सिर्फ एक-एक कंपनी ने ही बोली लगाई है, जबकि तीन ब्लॉक ऐसे हैं, जिनके लिए दो-दो कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है.
ONGC ने लगाईं सबसे ज्यादा बोलियां
6 ब्लॉक्स ऐसे हैं, जिनके लिए सिर्फ ओएनजीसी ने बोली लगाई है, जबकि कृष्णा गोदावरी बेसिन के अल्ट्रा-डीप सी ब्लॉक के लिए सिर्फ रिलायंस-बीपी ने ही बोली लगाई है. ओएनजीसी ने 10 में से 9 ब्लॉक्स के लिए बोली लगाई है, लेकिन जिस ब्लॉक के लिए रिलायंस-बीपी ने निविदा दी है, उसमें इस सरकारी कंपनी ने बिडिंग नहीं की है. रिलायंस और बीपी की पार्टनरशिप एक दशक से भी ज्यादा वक्त से चल रही है और वे OALP तहत बिडिंग के पिछले दौर में एक ब्लॉक हासिल भी कर चुके हैं. वेदांता, OIL और सन पेट्रोकेमिकल्स ने एक-एक ब्लॉक के लिए बिडिंग की है, जहां उनका मुकाबला ONGC से है.
ऑयल इंपोर्ट बिल घटाने की कोशिश
भारत सरकार तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए देश में एक्सप्लोरेशन को बढ़ावा देना चाहती है, ताकि करीब 157 अरब अमेरिकी डॉलर के इंपोर्ट बिल को कम किया जा सके. इसके लिए सरकार 2016 में नई नीति भी लेकर आई. लेकिन बिडिंग के पहले दौर को छोड़कर किसी भी दौर में निजी कंपनियों की भागीदारी अधिक नहीं रही है. पहले दौर में 55 ब्लॉक ऑफर किए गए थे, जिनमें से 41 अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड को मिले थे. इसके बाद के दो राउंड्स में भी वेदांता 10 और ब्लॉक हासिल कर चुकी है. लेकिन इसके अलावा ज्यादातर राउंड्स में मुख्य तौर पर जीतने वाली बोलियां सरकारी कंपनियों की ही रही हैं. अब तक OALP के तहत बोलियों के जो 8 राउंड पूरे हुए हैं, उनके जरिए कुल 144 एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन ब्लॉक आवंटित किए जा चुके हैं. ये ब्लॉक कुल मिलाकर 2.44 लाख वर्ग किलोमीटर इलाके में फैले हैं.