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RBI Governor on Budget, Crypto: शक्तिकांत दास ने कहा है कि अंतरिम बजट से महंगाई का दबाव बढ़ने के आसार नहीं हैं. उन्होंने यह भी साफ किया है कि क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन के मुद्दे पर आरबीआई के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. (File Photo: X)
RBI Governor on Budget, Crypto regulations: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता अंतरिम बजट (Budget 2024) की वजह से महंगाई का दबाव बढ़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन के मुद्दे पर भी एक बार फिर से अपना रुख साफ कर दिया है. उन्होंने कहा है कि जरूरी नहीं कि क्रिप्टो रेगुलेशन के मामले में जो बात किसी दूसरे देश के लिए सही है, वो हमारे लिए भी सही हो. उन्होंने साफ किया कि इस मामले में भारत का केंद्रीय बैंक किसी और देश की नकल नहीं करेगा. शक्तिकांत दास ने ये बातें गुरुवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं.
अंतरिम बजट से कीमतें बढ़ने के आसार नहीं : दास
कार्यक्रम के दौरान जब आरबीआई गवर्नर से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि आने वाला अंतरिम बजट इंफ्लेशनरी यानी कीमतों के बढ़ने का दबाव पैदा करने वाला हो सकता है, तो दास ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता. गवर्नर ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें लगता है कि आने वाला अंतरिम बजट या वोट-ऑन-अकाउंट महंगाई दर पर दबाव बढ़ाने वाला नहीं होगा. उन्होंने ध्यान दिलाया कि सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से अब तक अर्थव्यव्यवस्था के सप्लाई साइड में ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनसे कीमतों पर काबू पाया जा सका है.
क्रिप्टो रेगुलेशन पर क्या है आरबीआई का रुख?
शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने आरबीआई का रुख साफ करते हुए कहा कि क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन्स के मामले में जो बात किसी और मार्केट के लिए सही हो सकती है, जरूरी नहीं कि वो हमारे लिए भी ठीक हो. दरअसल अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने इसी बुधवार को बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (bitcoin exchange-traded funds) शुरू करने की इजाजत दे दी है. शक्तिकांत दास ने इसी सिलसिले में अपना रुख साफ करते हुए कहा कि आरबीआई क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन के मामले में किसी दूसरे की नकल नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में आरबीआई का आधिकारिक रुख और उनकी निजी राय पूरी तरह एक ही है. आरबीआई गवर्नर ने पिछले साल भी क्रिप्टोकरेंसी को सभी देशों, खास तौर पर इमर्जिंग इकॉनमी की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए उस पर रोक लगाने के रुख को सही ठहराया था.