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Real Estate Expectations: रियल एस्टेट सेक्टर की निगाहें फाइनेंस मिनिस्टर पर हैं. उम्मीद है कि बजट में टैक्स छूट को लेकर घोषणा हो सकती है. (File Image)
Real Estate Sector: पिछले 6 साल में बढ़ती कीमतों और हाई इंटरेस्ट रेट से पैदा होने वाली चुनौतियों के बावजूद साल 2023 में देश के रियल एस्टेट सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखी गई. साल रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की बिक्री अब तक के हाइएस्ट लेवल पर पहुंच गई. साल 2023 में भारत के टॉप 7 शहरों में लगभग 4.77 लाख रेजिडेंशियल यूनिट्स की रिकॉर्ड बिक्री देखी गई. नए लॉन्च किए गए घरों की बिक्री के आंकड़ों पर गौर करें तो इसकी संख्या भी अच्छी खासी रही, जो 4.46 लाख यूनिट्स के करीब पहुंच गई. देश की हाई इकोनॉमिक ग्रोथ और होम लोन की ब्याज दरों में कमी की उम्मीद के चलते साल 2024 में भी डिमांड में तेजी रहने का अनुमान है. ऐसे में यह सेक्टर अपने मोमेंटम को बनाए रखने के लिए आगामी इंटरिम बजट (Budget 2024) पर निर्भर है और बड़े एलान की उम्मीद कर रहा है.
रियल एस्टेट सेक्टर की निगाहें बजट एलानों पर
मोदी सरकार चुनाव से पहले अंतिम बजट के लिए तैयार हो रही है. अन्य सेक्टर की तरह रियल एस्टेट सेक्टर की भी निगाहें भी फाइनेंस मिनिस्टर पर हैं. सेक्टर को पूरी उम्मीद है कि इस बार के बजट में टैक्स छूट (Income Tax) को लेकर घोषणा हो सकती है. सरकार भी चाहेगी कि चुनाव से पहले टैक्स छूट की घोषणा कर मतदाताओं को आकर्षित कर सके. हालांकि यह बजट इंटरिम होगा और यादा बड़ी घोषणाएं भी नहीं होंगी, लेकिन चुनाव से पहले टैक्स छूट जैसी घोषणा सरकार कर सकती है.अगर ऐसा होता है तो इससे आम जनता के साथ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर को भी लाभ मिलेगा.
क्रेडाई की दलील: 5 लाख तक हो टैक्स छूट
क्रेडाई ने भी तर्क दिया है कि मौजूदा ब्याज दरें एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती हैं. 2024 की दूसरी तिमाही तक रेपो दर में भी कटौती की संभावना नहीं है. ऐसे में होम लोन के टैक्स दायरे को बढ़ाने की जरूरत है. क्रेडाई इस बार के बजट में होम लोन पर टैक्स छूट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है.
NAREDCO ने की टैक्स छूट की मांग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक लेटर में NAREDCO ने 'सभी के लिए आवास' हासिल करने के लिए जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट और किराए के आवास के लिए प्रोत्साहन सहित अन्य बजटीय सहायता और टैक्स छूट की मांग की; इससे पहले हाल ही में NAREDCO ने वित्त मंत्रालय से आगामी बजट में 50,000 करोड़ रुपये के फंड की मांग की थी.
रियल एस्टेट पर पड़ेगा प्रभाव
प्रस्तावित टैक्स छूट से रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ने का अनुमान है. क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का मानना है कि सस्टेनेबल सेक्टर ग्रोथ के लिए डिमांड में ग्रोथ होनी चाहिए, जिसे टैक्सपेयर्स को आकर्षक टैक्स लाभ प्रदान करके हासिल किया जा सकता है. रेपो रेट ज्यादा रहने से होम लोन की ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जब तक सरकार टैक्स में छूट नहीं देती तब तक इस सेक्टर में तेजी स्थिर नहीं रह पाएगी.
टैक्स छूट की सीमा बढ़े
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 24 के तहत होम लोन की ब्याज दरों पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये करना जरूरी है. ऐसा करने से आवास के लिए और अधिक मजबूत बाजार को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर बजट होम सेगमेंट में,जो कि कोविड के बाद से डिमांड में गिरावट देखी गई है.
डेवलपर्स को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट जरूरी
मिग्सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी का कहना है कि कोविड ने किफायती आवास को बुरी तरह प्रभावित किया है. डेवलपर्स को अधिक किफायती आवास बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है. इससे न सिर्फ डेवलपर्स को बल मिलेगा बल्कि होम बॉयर्स को भी इसका फायदा मिलेगा.
किफायती होम बॉयर्स को होगा फायदा
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल का कहना है कि उम्मीद है कि पिछले वर्ष की तरह 2024 में भी रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी. इसमें कोई संदेह नहीं कि होम लोन इंटरेस्ट पर छूट की लिमिट बढ़ने से किफायती घर खरीदनों वालों की संख्या में इजाफा होगा. टैक्स छूट से होम बॉयर्स के साथ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी एक अच्छा कदम होगा.