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Interim Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन 1 फरवरी 2024 को देश का अगला बजट पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट होगा. (File Photo : ANI)
Expectations from Interim Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन 1 फरवरी 2024 को अगला केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट होगा. हालांकि चुनावी साल होने की वजह से इसे पूर्ण बजट नहीं, बल्कि अंतरिम बजट या लेखानुदान (Vote on Account) कहा जाता है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश का अगला पूर्ण बजट लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई 2024 में पेश करेगी.
वित्त मंत्री कर चुकी हैं बड़े एलान की संभावना से इनकार
हालांकि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि फरवरी 2024 में अंतरिम बजट सिर्फ सरकार के अनिवार्य खर्चों को पूरा करने के लिए पेश किया जाएगा. यह बजट सिर्फ लेखानुदान होगा, इसलिए लोगों को किसी शानदार एलान की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे पहले अंतरिम बजट में बड़ी घोषणाएं नहीं की गई हैं. खुद मोदी सरकार ने 2019 के आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में लोगों को फायदा पहुंचाने वाले कुछ अहम एलान किए थे.
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले बड़े एलानों पर कानूनी रोक नहीं
आजादी के बाद से अब तक देश ने कुल 91 बजट देखे हैं, जिनमें 14 को अंतरिम बजट या लेखानुदान के तौर पर पेश किया गया है. 1 फरवरी 2024 को पेश बजट देश का पंद्रहवां अंतरिम बजट या लेखानुदान होगा, जिसे वित्त वर्ष 2024-25 में नई सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश किए जाने तक के लिए पारित किया जाएगा. आम तौर पर रिवाज यही है कि अंतरिम बजट में बड़े एलान नहीं किए जाते, क्योंकि इसे मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश माना जाता है. लेकिन चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता औपचारिक रूप से लागू नहीं होती और अगर कोई सरकार बड़ा एलान करना चाहे, तो संविधान में साफ तौर पर इस पर कोई बंदिश नहीं है.
साल 2019 के अंतरिम बजट में क्या था?
साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 February 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था. उन्होंने इस बजट में इनकम टैक्स के ढांचे (income tax structure) में भले ही कोई बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं किया था, लेकिन कुछ ऐसे एलान जरूर किए थे, जिससे टैक्स पेयर्स को लाभ होता है. मिसाल के तौर पर :
5 लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट: व्यक्तिगत करदाता जिनकी सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक नहीं थी, उन्हें 12,500 रुपये की पूर्ण कर छूट (full tax rebate) देने का प्रस्ताव.
वेतनभोगी लोगों के लिए मानक कटौती (Standard Deduction) को पहले से मौजूद 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव.
ब्याज के लिए सेक्शन 194A और किराए के लिए 194I के तहत टीडीएस की सीमा (TDS thresholds) को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये करने का प्रस्ताव.
मकान मालिक के अपने कब्जे वाले दूसरे मकान के काल्पनिक किराए (Notional Rent) पर इनकम टैक्स वसूलने से छूट देने का प्रस्ताव.
सेक्शन 54 के तहत पूंजीगत लाभ के रोलओवर का लाभ उन करदाताओं के लिए एक रेजिडेंशियल हाउस से बढ़ाकर 2 रेजिडेंशियल हाउस तक करने का प्रस्ताव, जिनका पूंजीगत लाभ 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है.
रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए बिना बिके मकानों पर अनुमानित किराए पर टैक्स से छूट की अवधि को प्रोजेक्ट पूरा होने वाला साल खत्म होने के बाद अगले एक वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष करने का प्रस्ताव.
ग्रेच्युटी भुगतान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव.
2019 के अंतरिम बजट में हुआ था किसानों को 6 हजार देने का एलान
इन प्रस्तावों के अलावा 2019 के अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने देश के 12 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपये कैश देने का बड़ा एलान भी किया था. पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के नाम से पेश इस योजना को सीधे तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करने वाला एलान भी कहा जा सकता है. 2019 के अंतरिम बजट में किए गए इन बड़े एलानों की वजह से ही मौजूदा वित्त मंत्री के इनकार के बावजूद लोगों ने अंतरिम बजट में कोई बड़ा तोहफा दिए जाने की उम्मीद छोड़ी नहीं है.