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Adani Dharavi Project: अडानी ग्रुप मार्च में शुरू कर देगा धारावी की मैपिंग : रिपोर्ट

Adani Group to Map Dharavi: गौतम अडानी के ग्रुप को 2022 में मिला था धारावी के री-डेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट. दुबई के कंसोर्टियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दी है फैसले को चुनौती.

Adani Group to Map Dharavi: गौतम अडानी के ग्रुप को 2022 में मिला था धारावी के री-डेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट. दुबई के कंसोर्टियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दी है फैसले को चुनौती.

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FE Hindi Desk
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Adani Group to Map Dharavi: रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप धारावी के करीब 600 एकड़ इलाके का सर्वे मार्च में शुरू कर सकता है. (File Photo : Reuters)

Adani Group to start mapping Dharavi soon: देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शामिल गौतम अडानी (Gautam Adani) का ग्रुप अगले कुछ ही हफ्तों में एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी की मैपिंग शुरू कर देगा. यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मैपिंग धारावी के री-डेवलपमेंट की एक बड़ी और विवादित योजना को आगे बढ़ाने का हिस्सा है. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई (Mumbai) के घनी आबादी वाले इलाके में यह सर्वे मार्च में शुरू हो जाने की उम्मीद है. 

मार्च में हो सकता है सर्वे : रिपोर्ट

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने नाम ना बताने की शर्त पर जानकारी दी है कि अडानी ग्रुप धारावी के करीब 600 एकड़ इलाके का सर्वे करेगा. सूत्रों के मुताबिक उम्मीद है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) करीब 3 अरब डॉलर यानी करीब 24,926 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को 7 साल में पूरा करेगा. गौतम अडानी के बिजनेस ग्रुप ने धारावी के री-डेवलपमेंट का यह सरकारी कॉन्ट्रैक्ट 2022 में हासिल किया था. गौतम अडानी का नाम भारत के सबसे अमीर और ताकतवर उद्योगपतियों में शामिल है. विपक्षी दल अक्सर आरोप लगाते हैं कि गौतम अडानी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेहद करीबी रिश्ते हैं. 

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बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा है केस 

दरअसल, धारावी के री-डेवलपमेंट का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहे एक मुकदमे में भी उलझा हुआ है. यह मुकदमा अडानी ग्रुप और दुबई में आधारित डेवलपर्स और इनवेस्टर्स के एक कंसोर्टियम के बीच चल रहा है. सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉर्प (SecLink Technologies Corp) नाम के इस कंसोर्टियम ने 2018 में धारावी के री-डेवलपमेंट की नीलामी जीत ली थी. लेकिन बाद में सरकार ने उस नीलामी को रद्द करके फिर से नया ठेका दिया, जिसमें यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को मिला. सेकलिंक ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है. अडानी ग्रुप के नियंत्रण वाली जिस एंटिटी को यह प्रोजेक्ट सौंपा गया है, उसमें महाराष्ट्र सरकार की भी 20 फीसदी हिस्सेदारी है. 

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प्रोजेक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं 

सोमवार को जारी एक बयान में अडानी ग्रुप ने कहा था कि धारावी में उनका प्रोजेक्ट पूरा होने पर एलिजिबल रेजिडेंट्स को इसी इलाके में 350 वर्गफुट का फ्लैट दिया जाएगा, जबकि जो रेजिडेंट इसके लिए एलिजिबल नहीं पाए जाएंगे, उन्हें शहर के दूसरे इलाकों में बसाया जाएगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस री-डेवलपमेंट प्लान के बारे में अब तक सार्वजनिक तौर पर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते धारानी में रहने वाले दसियों लाख लोगों को डर है कि अडानी ग्रुप या तो उन्हें घटिया क्वॉलिटी के अपार्टमेंट में भेजकर उनके रिहायशी इलाके को छीन लेगा, या फिर उन्हें मुंबई के सेंट्रल इलाके से मीलों दूर कहीं और बसाया जाएगा. 

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धारावी को मॉडर्न हब बनाना चाहते हैं अडानी

पिछले साल गौतम अडानी ने कहा था कि वे धारावी को एक मॉडर्न हब में तब्दील करना चाहते हैं. उन्होंने वहां में चलने वाले तमाम छोटे उद्योगों का समर्थन करने का दावा भी किया था. धारावी के री-डेवलपमेंट में अडानी ग्रुप की दिलचस्पी काफी सुर्खियों में रही है. धारावी का नाम स्लमडॉग मिलनेयर (Slumdog Millionaire) समेत कई फिल्मों की वजह से चर्चा में रहा है. बड़ी संख्या में टूरिस्ट भी इस इलाके में दिलचस्पी लेते रहे हैं. 

(सोर्स : ब्लूमबर्ग)

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