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Aditya L1 Mission: इसरो ने रच दिया एक और इतिहास, अपनी कक्षा में पहुंचा आदित्य L1, सूरज के रहस्यों से उठेगा पर्दा

लैगरेंज प्वाइंट पर आदित्य एल 1 को स्थापित किया गया है. अब इसी जगह से आदित्य लगातार सूर्य का अध्ययन करेगा, अंतरिक्ष के मौसम की भी अहम जानकारी साझा करेगा.

लैगरेंज प्वाइंट पर आदित्य एल 1 को स्थापित किया गया है. अब इसी जगह से आदित्य लगातार सूर्य का अध्ययन करेगा, अंतरिक्ष के मौसम की भी अहम जानकारी साझा करेगा.

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FE Hindi Desk
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Adityta L1 Mission

आदित्य सैटेलाइट लैगरेंज प्वाइंट के Halo ऑर्बिट में एंट्री कर चुका है.

इसरो ने नए साल की शुरूआत में एक और इतिहास रच दिया है. भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल 1 सूरज के और करीब पहुंच चुका है. आदित्य सैटेलाइट लैगरेंज प्वाइंट के Halo ऑर्बिट में एंट्री कर चुका है. अब इस प्वाइंट से यह सूरज से जुड़ी कई अहम जानकारी इसरो को देगा. इससे पहले इसरो ने चंद्रयान 3 मिशन को साउथ पोल पर लैंड कर इतिहास रचा था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ एयरक्रॉफ्ट अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंच गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके साथ ही भारत ने एक और शानदार उपलब्धि हासिल कर ली. एयरक्रॉफ्ट को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंज प्वाइंट 1’ (L1) के आसपास एक Halo कक्षा में स्थापित किया गया है. 

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अब सूरज के रहस्यों से उठेगा पर्दा

एल1 प्वाइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है और इस स्थान से सूर्य की दूरी भी 15 लाख किलोमीटर ही है. पिछले साल 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किए गए इस अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी पर चार प्रक्रियाएं पूरी की हैं और ट्रांस-लैग्रेंजन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) सफलतापूर्वक पूरा किया है. जिस लैगरेंज प्वाइंट पर आदित्य एल 1 को स्थापित किया गया है, वहां पर गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय रहता है. अब इसी जगह से आदित्य लगातार सूरज का अध्ययन करेगा, अंतरिक्ष के मौसम की भी अहम जानकारी साझा करेगा.

मानवता के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को पार करते रहेंगे: पीएम मोदी

इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ के जरिए कहा कि भारत का पहला सौर ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट आदित्य-L1 अपनी कक्षा में पहुंच गया. यह सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ हूं. हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को पार करते रहेंगे.’’

इससे पहले इसरो के चीफ एस सोमनाथ के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने सोमवार को बताया था कि 6 जनवरी को शाम 4 बजे आदित्य-एल1 अपने एल 1 पॉइंट पर पहुंचने जा रहा है और हम इसे वहां रखने के लिए अंतिम युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं.

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