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Assembly Elections 2023 Exit Polls : देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो चुका है. लेकिन 3 दिसंबर को नतीजे आने से पहले एग्जिट पोल के आंकड़ों पर बहस छिड़ी हुई है. (Photo : AP)
How reliable are Exit Polls : देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे तो 3 दिसंबर को आएंगे, लेकिन तब तक प्राइवेट एजेंसियों/खबरिया चैनलों के कराए एग्जिट पोल चर्चा में बने हुए हैं. आम मतदाता इस उधेड़-बुन में हैं कि किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं. बहरहाल, आप इन एग्जिट पोल पर भरोसा करें या उन्हें आंकड़ों का झोल बताकर खारिज कर दें, ये आपकी मर्जी है. लेकिन राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से उन पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. राजनीतिक दलों पर ये आरोप लगाना भी आम है कि वे अपनी सुविधा के हिसाब से एग्जिट पोल को मंजूर या खारिज करते हैं. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? क्या एग्जिट पोल के आंकड़े वाकई इस लायक हैं कि उन्हें गंभीरता से लिया जाए?
कितने भरोसे लायक हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?
तमाम एग्जिट पोल कितना भरोसा करने लायक हैं, इस बारे में कोई भी राय बनाने से पहले उन आंकड़ों पर एक नजर डालना भी जरूरी है जो निजी चैनल/एजेंसियां अपने दर्शकों-पाठकों के सामने पेश कर रहे हैं. हमारा मकसद इनके सही-गलत होने पर टिप्पणी करना नहीं, बल्कि सिर्फ इस बात की चर्चा करना है कि आम मतदाताओं के लिए इन आंकड़ों का मतलब क्या हो सकता है? इस बात को समझने के लिए उदाहरण के तौर फिलहाल हम सिर्फ मध्य प्रदेश के आंकड़ों की चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा बहस उसी पर छिड़ी है. नीचे दिए टेबल में आप एग्जिट पोल के उन आंकड़ों को देख सकते हैं जो अलग-अलग चैनलों पर मध्य प्रदेश के बारे में दिखाए जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव : क्या बता रहे हैं एग्जिट पोल
सीटें : 230, बहुमत का आंकड़ा : 116
चैनल/एजेंसी | बीजेपी | कांग्रेस | अन्य |
ABP News-C Voter | 88-112 | 113-137 | 0 |
Dainik Bhaskar | 95-115 | 105-120 | 0 |
India Today- Axis My India | 140-162 | 68-90 | 0-2 |
India TV- CNX | 140-159 | 70-89 | 0 |
Jan Ki Baat | 100-123 | 102-125 | 0 |
News 24-Today's Chanakya | 139-163 | 62-86 | 0 |
Republic TV- Matrize | 118-130 | 97-107 | 0 |
Times Now-ETG | 105-117 | 109-125 | 0 |
TV 9 Bharatvarsh- Polstrat | 106-116 | 111-121 | 0 |
आप चाहें भी तो कैसे और किस पर करेंगे यकीन?
इस टेबल में दिए आंकड़े बता रहे हैं कि आप अगर चाहें तो भी एग्जिट पोल के आधार पर चुनावी नतीजों का कोई सटीक तो क्या ढीला-ढाला अनुमान भी नहीं लगा पाएंगे. इसकी वजह बिलकुल साफ है. इन सबके नतीजों में भारी अंतर है. हालांकि ऊपर जिन 9 पोल्स के आंकड़े दिए हैं, उनमें तीन - इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया (India Today- Axis My India), इंडिया टीवी-सीएनएक्स (India TV- CNX) और न्यूज 24-टुडेज चाणक्या (News 24-Today's Chanakya) के आंकड़े लगभग एक जैसे हैं. इन तीनों के रेंज को जोड़ दें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी को 139 से 163 और कांग्रेस को 62 से 90 तक सीटें मिल सकती हैं. इन एग्जिट पोल पर भरोसा करें तो मध्य प्रदेश में एक तरह से बीजेपी की हवा नहीं, आंधी चल रही है. रिपब्लिक टीवी-मैट्रिज़ (Republic TV- Matrize) के एग्जिट पोल में भी बीजेपी 118 से 130 सीटें जीतने की संभावना के साथ आगे है, जबकि कांग्रेस को 97 से 107 तक सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. अगर आप इन आंकड़ों को चुनावी नतीजों का सटीक अनुमान मानने की सोच रहे हैं, तो जरा रुकिए! मैदान में खिलाड़ी और भी हैं.
9 में से 5 एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त
ऊपर के टेबल में दिए बाकी 5 एग्जिट पोल इससे बिलकुल अलग संकेत दे रहे हैं. एबीपी न्यूज-सी वोटर (ABP News-C Voter) बीजेपी को 88 से 112 और कांग्रेस को 113 से 137 तक सीटें दे रहा है! टाइम्स नाउ-ईटीजी (Times Now-ETG) के पोल में बीजेपी को 105 से 117 और कांग्रेस को 109 से 125 तक सीटें मिलने की संभावना जाहिर की गई है. वहीं, टीवी 9 भारतवर्ष-पोलस्ट्रैट (TV 9 Bharatvarsh- Polstrat) ने बीजेपी को 106 से 116 सीटें और कांग्रेस को 111 से 121 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. इसी तरह दैनिक भास्कर (Dainik Bhaskar) ने बीजेपी को 95 से 115 और कांग्रेस को 105 से 120 तक सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है. जन की बात (Jan Ki Baat) के एग्जिट पोल की मानें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी 100 से 123 सीटें जीत सकती है, जबकि कांग्रेस को 102 से 125 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है. इन पांचों एग्जिट पोल के हिसाब से बीजेपी-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला है, जिसमें कांग्रेस के आगे निकलने के आसार ज्यादा हैं.
ऐसे कैसे होगा सही-गलत का फैसला!
ऊपर जिन 9 पोल्स के आंकड़े दिए हैं, उन सभी को जुटाने और पेश करने वाले पूरी सच्चाई-ईमानदारी और मेहनत से अपना काम करने का दावा करते हैं. उनके इस दावे पर शक करने की कोई वजह भी नहीं है. सभी ने एक ही चुनाव के आंकड़े जुटाए हैं. एग्जिट पोल की परिभाषा के मुताबिक इसमें मतदाताओं का सर्वे उस वक्त किया जाता है, जब वे वोट डालकर बाहर आ रहे हों. यानी वक्त भी तकरीबन एक ही है. लेकिन आंकड़े अलग-अलग रुझान बता रहे हैं. 4 सर्वे मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने का संकेत दे रहे हैं, तो 5 थोड़ा कांग्रेस की तरफ झुके हुए हैं. ऐसे में आप अपने निजी राजनीतिक रुझान के हिसाब से अपनी पसंद का सर्वे भले ही चुन लें, लेकिन उसे सांख्यिकी के पैमाने पर खरा कैसे मान पाएंगे? पहले भी ऐसे कई उदाहरण हैं, जब एग्जिट पोल के आंकड़े पूरी तरह गलत साबित हुए हैं.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गंभीरता पर भारी पड़ता मनोरंजन?
एग्जिट पोल के बारे में एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि ये कोई असली नतीजे नहीं हैं. हार-जीत के फैसलों या सरकारों के बनने-बिगड़ने पर इनका कोई असर नहीं पड़ता. इनमें लोगों की दिलचस्पी तभी तक रहती है, जब तक असली नतीजे सामने नहीं आ जाते. लेकिन एक चैनल के दो संपादकों और एग्जिट पोल कराने वाली एक एजेंसी के प्रमुख के बीच हो रही कथित बहस का जो वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, उससे इतना संकेत तो जरूर मिलता है कि उनके लिए ये एग्जिट पोल काफी मायने रखते हैं. एग्जिट पोल को तरह-तरह से दिलचस्प और मनोरंजक बनाने की कोशिशें भी इसीलिए होती हैं. तो क्या इन कोशिशों ने ही नई लोकतांत्रिक सरकार चुनने की गंभीर प्रक्रिया को आंकड़ों की आड़ में मनोरंजन का तमाशा बनाकर रख दिया है? इस सवाल का जवाब देश के सजग मतदाताओं को अपने लिए खुद ही तलाशना होगा.