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चुनाव आयोग ने बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को प्रकाशित करने का लक्ष्य तय किया है. (Image : IE File)
BIhar Voter List SIR, Bihar Election: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) होने हैं और उससे पहले राज्य में चल रही वोटर लिस्ट स्क्रूटनी को लेकर सियासी हलचल तेज है. 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर क्लेम और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए अब सिर्फ 3 दिन का समय बचा है. इसके बाद 1 सितंबर को लिस्ट को फ्रीज कर अंतिम जांच और सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी. चुनाव आयोग (Election Commission) ने इसे 30 सितंबर को अंतिम रूप से प्रकाशित करने का लक्ष्य तय किया है.
विभाग को मिले 1.95 लाख से ज्यादा क्लेम और ऑब्जेक्शन फार्म
बिहार में वोटर लिस्ट के संबंध में दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है. चुनाव आयोग के अनुसार 1 अगस्त से लेकर 28 अगस्त सुबह 10 तक मतदाताओं की ओर से सीधे विभाग को कुल 1,95,802 दावे और आपत्तियां मिल चुकी हैं. इनमें से तय अवधि 7 दिन के बाद 24,991 मामलों का निपटारा भी किया जा चुका है.
राजनीतिक दलों की भागीदारी देखें तो सीपीआई (एमएल) ने 79 आपत्तियां दर्ज की हैं, जबकि आरजेडी ने सिर्फ 3 क्लेम और आपत्तियां दी हैं. हैरानी की बात यह है कि बीजेपी, जेडीयू, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे बड़े दलों की ओर से अब तक एक भी आधिकारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है.
नए मतदाताओं की ओर से मिले 8,51,788 आवेदन
आयोग के मुताबिक वोटर लिस्ट में पहली बार अपना जुड़वाने के लिए 18 साल या उससे ऊपर वाले नए मतदाताओं की ओर फॉर्म-6 के जरिए अबतक चुनाव विभाग को 8,51,788 आवेदन मिले हैं. इनमें से 37,050 आवेदनों का निपटारा तय अवधि 7 दिन के भीतर पूरा हो चुका है. चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार सभी क्लेम और ऑब्जेक्शन फार्म संबंधित ईआरओ/एईआरओ द्वारा 7 दिन की तय अवधि में जांच के बाद ही निपटाए जाने हैं.
वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आधार के साथ भर सकते हैं क्लेम फार्म
चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि 1 अगस्त 2025 को जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से किसी भी व्यक्ति का नाम बिना उचित जांच, लिखित आदेश और सुनवाई का मौका दिए नहीं हटाया जा सकता. ईआरओ-एईआरओ को पूरी जांच के बाद ही नाम हटाने के लिए स्पष्ट कारण सहित आदेश देना अनिवार्य है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उन नामों और हटाने के कारणों की सूची जिला अधिकारियों और सीईओ की वेबसाइट पर EPIC नंबर के साथ सर्च की जा सकती है. अगर किसी को इससे आपत्ति है तो वह अपनी आपत्ति या दावा अपने आधार कार्ड की प्रति के साथ दर्ज करा सकता है.
जारी नोटिस में बताया गया है कि राजनीतिक दलों के बीएलए (ब्लॉक लेवल एजेंट) बिहार के लोगों से क्लेम और ऑब्जेक्शन फॉर्म कलेक्ट कर सकते हैं. ध्यान रहे, ये फॉर्म डिक्लेरेशन फार्म के साथ मान्य होंगे. आयोग की ओर से बताया गया है कि राजनीतिक दलों ने कुल 1,60,813 बीएलए बनाए हैं. जिसमें भाजपा ने सबसे अधिक 53,338, कांग्रेस ने 17,549, राजद ने 47,506, सीपीआई (एमएल) ने 1,496 और जेडीयू ने 36,550 बीएलए नियुक्त किए हैं.