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राहुल मामले पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि संसद की सदस्यता दोषसिद्धि के साथ रद्द हो जाती है, लोकसभा अध्यक्ष ने केवल कानूनी स्थिति की पुष्टि की.
कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा (BJP) ने कहा कि यह कार्रवाई कानून के मुताबिक हुई है. राहुल मामले पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि संसद की सदस्यता दोषसिद्धि के साथ रद्द हो जाती है, लोकसभा अध्यक्ष ने केवल कानूनी स्थिति की पुष्टि की. वहीं कांग्रेस ने अयोग्य ठहराने की कार्रवाई को राहुल गांधी को खामोश करने का प्रयास और लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ करार दिया और कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी. अपनी संसद सदस्यता खारिज होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और हर कीमत चुकाने को तैयार हैं.
राहुल गांधी की सजा को भाजपा ने बताया कानून सम्मत
भाजपा ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को अदालत के आदेश का परिणाम बताया और इसे उचित ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें उनके किए की सजा मिली है.
राहुल गांधी का अहंकार बहुत बड़ा और समझ बहुत छोटी है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंने पूरे OBC समाज का अपमान किया। उन्हें चोर कहा। समाज और कोर्ट के द्वारा बार-बार समझाने और माफ़ी माँगने के विकल्प को भी उन्होंने नज़रअंदाज़ किया और लगातार OBC समाज की भावना को ठेस पहुँचाई।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) March 24, 2023
बीजेपी ओबीसी के बहाने कांग्रेस को घेरने की कर रही तैयारी
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि गाली देने में और आलोचना करने में अंतर होता है. राहुल गांधी गाली दे रहे थे. वह कोई लोकतांत्रिक बहस नहीं कर रहे थे. ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे. उन्हें इस कृत्य की सजा मिली है.
By comparing OBC communities to thieves, Rahul Gandhi has revealed his casteist mindset.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 24, 2023
The Congress must remember abusing the OBC community doesn't come under the Right to Freedom.
There is no doubt Rahul Gandhi has insulted the people, the country, and our democracy. pic.twitter.com/dwwPzd7syw
भूपेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में पूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और उन्हें अवसर भी दिया गया, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें. उन्होंने कहा कि लेकिन जब निर्णय आया, तो कांग्रेस के नेता न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे हैं. अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह फैसला कानूनी है और आरोप लगाया कि कांग्रेस न्यायपालिका पर सवाल उठा रही है. उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी फैसला है और राजनीतिक दल द्वारा लिया गया फैसला नहीं है. यह एक अदालत द्वारा लिया गया फैसला है. कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वे किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने पहले एक OBC समुदाय का अपमान किया, फिर कोर्ट द्वारा बार-बार माफी मांगने का मौका दिए जाने के बाद भी माफी नहीं मांगी और अब उनकी पार्टी न्यायपालिका के खिलाफ प्रदर्शन करके न्याय व्यवस्था का अपमान कर रही है।
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 24, 2023
संसद नहीं चलने देने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, सरकार नहीं। pic.twitter.com/dek9HurI7G
केद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट के जरिए कहा कि राहुल गांधी जी को लगता था कि वो दुर्भाग्य से सांसद हैं. भगवान ने उनकी सुन ली और कोर्ट के माध्यम से उन्हें उनके दुर्भाग्य से मुक्ति दे दी. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सदस्यता पर निर्णय कोर्ट का, कांग्रेस का हंगामा रोड पर…आख़िर क्यों?
राहुल गांधी जी को लगता था कि वो दुर्भाग्य से सांसद हैं।
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 24, 2023
भगवान ने उनकी सुन ली और कोर्ट के माध्यम से उन्हें उनके दुर्भाग्य से मुक्ति दे दी।
सदस्यता पर निर्णय कोर्ट का, कांग्रेस का हंगामा रोड पर…
आख़िर क्यों? pic.twitter.com/uEZExiwm7a
राजशाही सोच से अभी भी बाहर नहीं निकले कांग्रेसी युवराज': केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 2 वर्ष की सजा सुनाये जाने का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि 'कांग्रेसी युवराज' अभी भी राजशाही सोच से बाहर नहीं निकले हैं. भाजपा के उत्तरप्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मौर्य ने कहा कि अदालत द्वारा सजा सुनाने के बावजूद जिस तरह से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेता उन अपमानजनक बातों को सही ठहरा रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मंशा क्या है और ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के बारे में उनकी सोच क्या है.
यूपी के डिप्टी सीएम मौर्य ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी पिछड़ों के घोर विरोधी हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित जाति सूचक अपशब्दों का प्रयोगकर कर मोदी के साथ-साथ देश के 55 फीसदी से अधिक पिछड़े वर्ग की आबादी का अपमान किया था. अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कि न्यायालय ने सजा देकर पिछड़ों के घावों पर मरहम लगाया है.
डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि अदालत का फैसला यह दर्शाता है कि देश का कानून और देश का संविधान सबसे ऊपर है और उसकी नजर में देश के सभी नागरिक समान हैं. उन्होंने कहा कि अदालत का निर्णय यह भी सिद्ध करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि उसने अपराध किया है तो उसे सजा जरूर मिलेगी. मौर्य ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी देश से और देश के संविधान से इतने बड़े हो गए हैं कि हमें गाली देने का उन्हें अधिकार मिल गया है? उन्होंने कहा कि माफी मांगना तो दूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह से इसे सही ठहराने में जुटे हुए हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि वे ओबीसी का अपमान ही अपना नैतिक धर्म समझते हैं.
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्ता छिने जाने के पीछे वजह
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि लोकसभा सांसद राहुल गांधी की सदस्य अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा. अधिसूचना में कहा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है.
बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को 2 साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें. अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है तो वह अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अयोग्य ठहराए जाने की अधिसूचना जारी होने से कुछ घंटे पहले राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और संसद भवन में पार्टी सांसदों की बैठक में भाग लिया.
विपक्षी पार्टियों के प्रमुखों ने राहुल गांधी का किया समर्थन
विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं ने राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि उन्हें अयोग्य ठहराया जाना प्रतिशोध की राजनीति है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता भाजपा के मुख्य निशाने पर हैं.