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BJP MLA's son arrested while taking bribe: कर्नाटक लोकायुक्त ने बीजेपी विधायक के बेटे प्रशांत के घर और KSDL के दफ्तर से कुल मिलाकर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा अघोषित नकदी बरामद की है. (Photo : Indian Express)
Unaccounted cash of more than Rs 6 crore recovered from the house of BJP MLA's son : बीजेपी के एक विधायक को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरने के बाद सरकारी कंपनी KSDL के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा है. चुनावी राज्य कर्नाटक की इस घटना ने विपक्ष को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. हालांकि आरोपी विधायक खुद को निर्दोष बताते हुए अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष इसे कर्नाटक में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार का महज एक नमूना बताकर तीखे हमले कर रहा है. इस बीजेपी विधायक के बेटे को लोकायुक्त ने घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इसी के बाद बीजेपी विधायक को KSDL के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा है. लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस के तेवर बता रहे हैं कि वो इस मुद्दे को इतनी आसानी से हाथ से जाने नहीं देगी.
बीजेपी सरकार '40% कमीशन' पर काम करती है : कांग्रेस
कांग्रेस ने बड़ी तादाद में गिनी जा रही नोटों की गड्डियों का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा है कि यह बात सब जानते हैं कि राज्य की मौजूदा बीजेपी सरकार '40% कमीशन' पर काम करती है. मौजूदा घटना इसकी एक छोटी सी मिसाल है. कांग्रेस के कर्नाटक अध्यक्ष डी के शिवकुमार भी इस मामले में बीजेपी सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं.
Cash worth ₹8 crore has been recovered from the house of a BJP MLA in Karnataka.
— Congress (@INCIndia) March 3, 2023
His son was caught accepting a bribe of ₹40 lakh.
The fact that the BJP govt. in Karnataka operates on a "40% commission" is well-known, & this discovery is just the tip of the iceberg. pic.twitter.com/ObtQDBgz58
कर्नाटक लोकायुक्त ने घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा
दरअसल, ये सारा मामला बीजेपी विधायक और KSDL चेयरमैन के एम विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत की गिरफ्तारी से शुरू हुआ, जिन्हें कर्नाटक लोकायुक्त ने गुरुवार को 40 लाख रुपये की घूस लेते हुए पकड़ने का दावा किया है. इसके बाद लोकायुक्त ने उनसे जुड़े कुछ ठिकानों पर छापे भी मारे, जिनमें प्रशांत के घर और KSDL के दफ्तर से कुल मिलाकर 8 करोड़ रुपये से ज्यादा अघोषित नकदी बरामद हो चुकी है. कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस बी एस पाटिल ने शुक्रवार को बताया कि छापेमारी के दौरान KSDL के दफ्तर से 2.02 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी बरामद हुई है, जबकि प्रशांत के घर से 6 करोड़ 10 लाख रुपये मिले हैं. उन्होंने कहा कि प्रशांत को मिलाकर इस मामले में कुल 5 लोग हिरासत में लिए गए हैं. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है.
पिता के दफ्तर में घूस लेते पकड़ा गया विधायक का बेटा
घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार विधायक पुत्र प्रशांत बैंगलोर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड में चीफ एकाउंटेंट है. लोकायुक्त ने गुरुवार की शाम उसे कर्नाटक सोप्स एंड डिटरजेंट्स लिमिटेड (KSDL) के दफ्तर में एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करने का दावा किया है. प्रशांत की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर उसके घर पर भी छापा मारा जहां 6 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद किया गया. KSDL के ऑफिस से भी 2 करोड़ रुपये से ज्यादा अघोषित नकदी बरामद की गई है. बीजेपी विधायक ने लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद KSDL के चेयरमैन पद से इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन वे यह आरोप भी लगा रहे हैं कि छापेमारी की कार्रवाई उनके और उनके परिवार के खिलाफ रची गई साजिश का हिस्सा है. जबकि उन्हीं की पार्टी के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने का वादा कर रहे हैं.
पिता के लिए ली थी घूस की पहली किश्त?
पीटीआई ने लोकायुक्त के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि दरअसल प्रशांत ने 40 लाख रुपये की रकम अपने विधायक पिता के लिए ही घूस की पहली किश्त के तौर पर रिसीव की थी. प्रशांत के पिता विरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले की चन्नागिरी सीट से बीजेपी विधायक हैं. शुक्रवार को KSDL के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद विरुपक्षप्पा ने कहा कि लोकायुक्त के छापों से उनका कोई लेना-देना नहीं है, इसके बावजूद आरोप लगने की वजह से वे नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए त्यागपत्र दे रहे हैं. जबकि राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इसे बीजेपी सरकार में फैले भ्रष्टाचार का सिर्फ एक नमूना बता रहे हैं. सिद्धारमैया ने इस मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हमने जब भी राज्य की बीजेपी सरकार में फैले भ्रष्टाचार और ठेकेदारों से 40 परसेंट कमीशन लिए जाने का मुद्दा उठाया, मुख्यमंत्री हमसे सबूत मांगते थे. क्या यह घटना इस बात का सबूत नहीं है कि प्रदेश में 40% कमीशन वाली सरकार काम कर रही है?