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Assam CM on CAA: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम में नागरिकता संशोधन कानून का कोई महत्व नहीं है. (Photo : PTI)
Assam CM Himanta Biswa Sarma on CAA: असम में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए का कोई महत्व नहीं है - ये बड़ा बयान असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने दिया है. उन्होंने ये दावा भी किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को नए कानून के जरिए नागरिकता देने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किए गए सीएए पोर्टल में असम से सबसे कम आवेदन आएंगे. उन्होंने एक बार फिर से दावा किया कि असम में ऐसे किसी भी व्यक्ति को सीएए के जरिए नागरिकता नहीं मिलेगी, जिसने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) में एप्लीकेशन नहीं दिया होगा. इससे पहले हिमंता बिस्वा सरमा यहां तक कह चुके हैं कि अगर असम में एक भी व्यक्ति को एनआरसी में एप्लीकेशन दिए बिना नागरिकता दी गई, तो वे असम के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.
असम में 13 सीटें जीतेगी बीजेपी : सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) असम की 14 लोकसभा सीटों में से 13 पर जीत हासिल करेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी होगी. मोदी सरकार के गृह मंत्रालय ने इसी मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र लोगों के लिए एक पोर्टल शुरू किया है. इस नए कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन गैर-मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले देश में आ चुके थे.
वही आवेदन देंगे जिन्होंने NRC में अप्लाई किया होगा : सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने सीएए के मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए गुरुवार को कहा, ‘‘सीएए असम में पूरी तरह निरर्थक है और पोर्टल में राज्य से सबसे कम संख्या में आवेदन होंगे.’’ उन्होंने कहा सीएए में यह बात पूरी तरह स्पष्ट की गई है कि नागरिकता के लिए आवेदन तभी दिया जा सकता है जब कोई व्यक्ति 31 दिसंबर 2014 से पहले देश में आया हो. सरमा ने कहा कि असम में केवल वही लोग सीएए के लिए आवेदन देंगे, जिन्होंने पहले नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) में नाम शामिल कराने के लिए एप्लीकेशन दिया था और जिन्हें रजिस्टर अपडेट होने के बाद उसमें अपने नाम नहीं मिले हैं.
असम के कई इलाकों में हो रहा है CAA का विरोध
दरअसल सीएए कानून के नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद असम के कई इलाकों में इसका भारी विरोध हो रहा है. हिमंता बिस्वा सरमा के ताजा बयान को लोगों की इसी नाराजगी को दूर करने की कोशिश से जोड़कर देखा जा सकता है. इससे पहले सीएए के नियम नोटिफाई होने के अगले ही दिन भी उन्होंने असम के शिवसागर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वे असम के बेटे हैं और अगर एक भी ऐसे शरणार्थी को नए कानून के तहत भारत की नागरिकता दी गई, जिसने एनआरसी के लिए एप्लीकेशन नहीं दिया है, तो वे सबसे पहले अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.