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Mamata attacks CAA: ममता बनर्जी ने कहा, लोगों को रिफ्यूजी बना देगा CAA, आवेदन करने से पहले हजार बार सोचें

Mamata on CAA: ममता बनर्जी ने कहा, "CAA के तहत अप्लाई करने से पहले हजार बार सोचिए. यह NRC से जुड़ा है. वे आपके पिता का बर्थ सर्टिफिकेट मांगेंगे. क्या आपके पास है? मेरे पास तो नहीं है. मुझे तो अपने माता-पिता के जन्म की तारीख तक पता नहीं है."

Mamata on CAA: ममता बनर्जी ने कहा, "CAA के तहत अप्लाई करने से पहले हजार बार सोचिए. यह NRC से जुड़ा है. वे आपके पिता का बर्थ सर्टिफिकेट मांगेंगे. क्या आपके पास है? मेरे पास तो नहीं है. मुझे तो अपने माता-पिता के जन्म की तारीख तक पता नहीं है."

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FE Hindi Desk
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Mamata Banerjee on CAA: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के लाए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर तीखा हमला किया है. (Photo : AP)

Mamata Banerjee on CAA: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के लाए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर तीखा हमला किया है. मोदी सरकार ने 2020 में लागू इस कानून के नियम चार साल बाद सोमवार 11 मार्च 2024 को नोटिफाई किए हैं. जिसके बाद से ही प्रमुख विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने भी मंगलवार को इस कानून का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि लोगों को सीएए के तहत नागरिकता के लिए अप्लाई करने से पहले हजार बार सोचना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि जैसे ही कोई व्यक्ति सीएए के तहत एप्लीकेशन देगा, उसे रिफ्यूजी मान लिया जाएगा और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उसे नागरिकता मिल ही जाएगी. ममता ने यह भी कहा कि लोगों को ध्यान में रखना चाहिए कि यह मसला NRC से भी जुड़ा हुआ है.

CAA को राज्य में लागू नहीं होने देंगे : ममता 

राज्य के नॉर्थ 24 परगना जिले में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीएए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से जुड़ा है और लोगों से आग्रह किया कि वे लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की योजना के चक्कर में न पड़ें. ममता बनर्जी ने कहा कि वह सीएए को राज्य में लागू नहीं होने देंगी.उन्होंने दावा किया कि यह ''अधिकार छीनने का खेल'' है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें नागरिकता मिलेगी. उन्होंने राज्य के लोगों से कहा कि वे नए कानून के तहत नागरिकता का आवेदन नहीं दें. उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें "शरणार्थी और घुसपैठिया" बताकर "सरकारी योजनाओं से वंचित" कर दिया जाएगा. ममता बनर्जी ने लोगों को आगाह करने वाले अंदाज में कहा, "यह मसला राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) से भी जुड़ा है, जिसमें वे आपके पिता का बर्थ सर्टिफिकेट मांगेंगे. क्या आपके पास है? मेरे पास तो नहीं है..मुझे तो अपने माता-पिता के जन्म की तारीख तक पता नहीं है." ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए के नियमों में स्पष्टता की कमी है. 

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ममता बनर्जी ने बताया CAA क्यों खतरनाक है : TMC 

तृणमूल कांग्रेस ने सीएए के खिलाफ ममता बनर्जी की दलीलों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. जिसमें केंद्र सरकार के लाए इस कानून को खतरनाक बताया गया है. पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, "ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यह बात उजागर कर दी है कि यह खतरनाक क्यों है:

  • पहले ही नागरिक बन चुके आप्रवासियों को अपनी नागरिकता फिर से साबित करनी होगी. 
  • आप्रवासी मुस्लिम जो पहले से नागरिक बने हुए हैं, उन्हें 'अवैध आप्रवासी' घोषित कर दिया जाएगा और एनआरसी के तहत परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
  • ऐसे 'अवैध आप्रवासी' घोषित किए गए लोगों की संपत्तियों का क्या होगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है.
  • इसे लागू करने की प्रक्रिया के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.
  • यह भी साफ नहीं है कि जिन आप्रवासियों को जातिगत रिजर्वेशन का लाभ मिलता रहा है, उनकी अब क्या स्थिति होगी.
  • यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 में मिले समानता के अधिकार के खिलाफ है और इसलिए असंवैधानिक व भेदभावपूर्ण है."

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यह अधिकार छीनने का खेल है : ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा, ''जिन लोगों को आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है, उन्हें मैं बता दूं... जैसे ही आपने आवेदन कर दिया, तो नागरिक होने के बावजूद आपको शरणार्थी के रूप में चिह्नित किया जाएगा. ऐसे लोग आवेदन करते ही घुसपैठिए बन जाएंगे. यह अधिकार छीनने का खेल है. अगर आप आवेदन करते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको नागरिकता मिलेगी या नहीं. आप अपनी संपत्ति खो देंगे. आप सरकारी योजनाओं से वंचित रहेंगे. चुनाव से पहले बीजेपी की यही योजना है. यदि आप आवेदन करते हैं तो सभी नागरिक अधिकार छीन लिए जाएंगे. इसके लिए आवेदन करने से पहले हजार बार सोचें. यह एनआरसी से जुड़ा है." ममता ने कहा कि वह सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने कहा, "मैं उन्हें सीएए लागू नहीं करने दूंगी. मेरे राज्य में मैं किसी को भी लोगों के मूल अधिकार नहीं छीनने दूंगी. इसके लिए अगर मुझे अपने जीवन का बलिदान देना पड़ेगा, तो मैं वह भी करूंगी."

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