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एफआईआर में कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए NISP और NMDC के 8 अधिकारियों और MECON के दो अधिकारियों के नाम शामिल है. (Image: IE)
CBI has registered a case against Megha Engineering:दूसरी सबसे बड़ी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार व बीजेपी को सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Megha Engineering and Infrastructure Ltd) के खिलाफ सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी सीबीआई ने कार्रवाई की है. भारत सरकार की प्रमुख जांच एजेन्सी ने मेघा इंजीनियरिंग पर कथित भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज किया है. समाचार एजेंसी एनआई के मुताबिक सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार को लेकर इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट (NMDC Iron and Steel Plant, Ministry of Steel) के 8 अधिकारियों के साथ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर भी केस दर्ज किया है. ANI के मुताबिक जांच एंजेसी ने यह कार्रवाई NISP के लिए 315 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के एग्जीक्यूशन में गड़बड़ियों को लेकर की है.
The CBI has registered a case against Megha Engineering and Infrastructure Ltd, along with eight officers from NMDC Iron and Steel Plant, Ministry of Steel, regarding alleged corruption in the execution of a Rs 315 crores project for NISP.
— ANI (@ANI) April 13, 2024
मेघा इंजीनियरिंग समेत इन अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई ने हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग के खिलाफ कथित तौर से रिश्वत देने के एक मामले में एफआईआर दर्ज की है. अधिकारियों के हवाले से पीटीआई-भाषा ने शनिवार को बताया कि जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट (Jagdalpur integrated steel plant) से जुड़े काम के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने में लगभग 78 लाख रुपये की कथित रिश्वत दी. एफआईआर में कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए एनआईएसपी (NISP) और एनएमडीसी (NMDC) के 8 अधिकारियों और मेकॉन (MECON) के दो अधिकारियों के नाम दर्ज है.
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बीजेपी को सबसे अधिक चंदा देने के बाद चर्चे में आई थी हैदराबाद की कंपनी
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े सभी डिटेल्स इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) को सौंपे थे. उसके बाद 14 मार्च को चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट सभी डेटा अपलोड किए. आंकड़े सामने आने के बाद खुलासा हुआ कि दूसरी सबसे बड़ी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार मेघा इंजीनियरिंग है. साथ ही ये भी जानकारी सामने आई कि मेघा इंजीनियरिंग ने भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक चंदा दिया है.
बीजेपी को सबसे अधिक चंदा देने और सबसे अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर नाम आने के बाद मेघा इंजीनियरिंग चर्चे में आई थी. हैदराबाद की इस कंपनी ने 966 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग ने भाजपा को सबसे अधिक चंदा दिया है. प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान "द इंडियन एक्सप्रेस" की रिपोर्ट के मुताबिक मेघा इंजीनियरिंग ने बीजेपी को 584 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. इसके अलावा कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये और वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया. टीडीपी को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले.