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Chaitra Navratri 2023: 110 साल बाद नौका पर आएंगी माता, बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसे करें कलश स्थापना और पूजा-पाठ

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का दिन अब निकट आ रहा है. इस साल इसकी शुरुआत 22 मार्च और समापन 30 मार्च को होगा

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का दिन अब निकट आ रहा है. इस साल इसकी शुरुआत 22 मार्च और समापन 30 मार्च को होगा

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FE Hindi Desk
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Chaitra Navratri 2023: 110 साल बाद नौका पर आएंगी माता, बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसे करें कलश स्थापना और पूजा-पाठ

Chaitra Navratri 2023: इस बार मां की सवारी नौका रहेगी और ऐसा अद्भुत संयोग करीब 110 साल बाद बन रहा है

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन अब नजदीक आ रहा है. इस साल यह 22 मार्च से शुरू और 30 मार्च को समाप्त होगा. 9 दिनों तक चलने वाले इस पाठ में मां के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. इस बार माता की सवारी नाव होगी और करीब 110 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जो सभी के लिए सुखद और शुभ रहेगा. इस बार माता डोली पर बैठकर विदा होंगी. नवरात्रि हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार मनाई जाती है.

इस बार बन रहे कई शुभ योग

हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व है. लाखों लोग मां का आशीर्वाद पाने लिए व्रत रखते हैं. कई लोग 9 दिनों का कठोर व्रत रखते हैं तो कई भक्त नवरात्र के पहले और आखिरी दिन मां का व्रत रखते हैं. जानकारों की मानें तो इस बार कई ऐसे संयोग बन रहे हैं जो मंगलकारी हैं. हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार नवरात्रि के दौरान तीन सर्वार्थ सिद्धि योग (23 मार्च, 27 मार्च, 30 मार्च), अमृत सिद्धि योग (27 और 30) और रवि योग (24 मार्च, 26 मार्च और 29 मार्च) लगेगा.

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पूजन की क्या है विधि?

हिंदू धर्म में सूर्योदय की घड़ी को सबसे शुभ माना गया है, इसलिए इस दिन सूर्य उगने तक आप नित्यकर्म से निवृत हो जाएं. इसके बाद एक जगह को अच्छी तरह से साफ कर लें और कलश की स्थापना के लिए एक 'चौका' बना लें. लाल कपड़ा बिछाकर माता की प्रतिमा को वहां स्थापित करें. प्रतिमा के ठीक सामने लाल कपड़े में लपेटे हुए एक कलश को रखें. कलश के अंदर एक सुपारी, सिक्का, अक्षत और आम का 'पल्लो' यानी पत्तियां डाल दें. एक मिट्टी के पात्र में आप थोड़ा जौ की बुआई कर उसे कलश पर स्थापित कर दें. उस मिट्टी के पात्र के ऊपर लाल चुनरी में बंधा नारियल भी रखें और विधिवत मंत्रों के साथ माता का उपासना करें. आप चाहें तो बगल में नवग्रह और गौरी गणेश की भी पूजा कर सकते हैं. 

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किस दिन देवी के किस रूप की होती है पूजा

  • नवरात्र का पहला दिन, 22 मार्च: मां शैलपुत्री पूजा 
  • नवरात्र का दूसरा दिन, 23 मार्च: मां ब्रह्मचारिणी
  • नवरात्र का तीसरा दिन, 24 मार्च: मां चंद्रघंटा
  • नवरात्र का चौथा दिन, 25 मार्च: मां कुष्मांडा
  • नवरात्र का पांचवां दिन, 26 मार्च: मां स्कंदमाता
  • नवरात्र का छठा दिन, 27 मार्च: मां कात्यायनी
  • नवरात्र का सातवां दिन, 28 मार्च: मां कालरात्रि
  • नवरात्र का आठवां दिन, 29 मार्च: माँ महागौरी
  • नवरात्र का 9वां दिन, 30 मार्च: मां सिद्धिदात्री
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