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स्पेस एजेंसी ने ट्वीट के जरिए कहा कि आवश्यक प्रक्रिया बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से निर्देशित की गई. अगला अभियान कार्य रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. (Photo: ISRO/tweet)
भारत का तीसरा मानवरहित मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ शनिवार को चंद्रमा की ऑर्बिट में सफलतापूर्वक दाखिल कर गया. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने इसी शनिवार 5 अगस्त को यह जानकारी दी. चंद्रयान-3 को 22 दिन पहले चंद्रमा के सॉउथ पोल पर उतरने के लिए प्रक्षेपित किया गया था, जहां अब तक कोई भी देश नहीं पहुंचा है. स्पेस एजेंसी ने ट्वीट के जरिए कहा कि आवश्यक प्रक्रिया बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से निर्देशित की गई. अगला अभियान कार्य रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. चंद्रमा की कक्षा में दाखिल होने के बाद चंद्रयान-3 ने इसरो के साथ संदेश साझा किया.
चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा चंद्रयान-3
बिना किसी गड़बड़ी के चंद्रमा के करीब लाने वाली आवश्यक प्रक्रिया बेंगलुरु स्थित स्पेस सेंटर से किए जाने के बाद चंद्रयान-3 ने इसरो को संदेश भेजा कि मैं चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं. चंद्रयान 3 का चंद्रमा की कक्षा में दाखिल भारतीय स्पेस एजेंसी के महत्वाकांक्षी 600 करोड़ रुपये के मिशन में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ. 14 जुलाई को प्रक्षेपित होने के बाद से अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है और अगले 18 दिन इसरो के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
इसरो ने कहा- आज होगा मून मिशन का ये काम
इसरो ने उपग्रह से मिले संदेश को अपने केंद्रों के साथ साझा किया, जिसमें लिखा था कि एमओएक्स, इस्ट्रैक, यह चंद्रयान-3 है. मैं चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क), बेंगलुरु से इसे निर्देशित किया गया. इसरो ने कहा कि अगला अभियान कार्य रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. इसके तहत चंद्रयान-3 की कक्षा को घटाया जाएगा.
रविवार की कवायद के बाद, 17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं होंगी जिसके बाद रोवर प्रज्ञान के साथ लैंडिंग मॉड्यूल विक्रम यान के ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से तीन हफ्तों में इसरो चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर चंद्रमा की कक्षा की तरफ उठाने का कार्य कर रहा था. इसके बाद एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया में यान को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक भेजा गया. इस प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 ने पृथ्वी से दूर उस पथ पर जाना शुरू कर दिया जो इसे चंद्रमा के आसपास ले जाएगा.