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झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (Image: Express File)
झारखंड में बिहार की तर्ज पर जाति आधारित गणना जल्द शुरू होगी. झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बिहार की तर्ज पर जाति आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीएम सोरेन ने अधिकारियों से जाति आधारित सर्वेक्षण का मसौदा तैयार करने और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखने को कहा है. अधिकारी ने बताया कि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड जाति सर्वेक्षण शुरू होगा.
बिहार की तर्ज पर जाति आधारित गणना कराएगी झारखंड सरकार
अभी तक 2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों (Lok Sabha Polls) का एलान नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि झारखंड में जाति आधारित गणना कराने के लिए राज्य कार्मिक विभाग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसेज्योर यानी एसओपी (SOP) तैयार करेगा. और फिर इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर किया जाएगा. बिहार में पिछले साल 7 जनवरी से 2 अक्टूबर के बीच डेटा कलेक्ट किया गया था.
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हाल ही में तेलंगाना की राज्य सरकार ने भी जाति आधारित गणना कराने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया. कांग्रेस नेता दीपा दासमुंशी ने बताया कि जाति आधारित गणना से जुड़ा एक प्रस्ताव तेलंगाना विधानसभा में पारित किया गया. यह राहुल गांधी के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी देशभर में ओबीसी जाति जनगणना कराने की बात लंबे समय से कर रहे हैं. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक (CWC meeting of AICC) में पहले ही इस प्रस्ताव को पारित किया जा चुका है.
राजस्थान की पिछली सरकार ने अक्टूबर में इसी तरह का सर्वेक्षण कराने की योजना की घोषणा की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा ने मई-जुलाई 2023 के बीच एक सर्वेक्षण किया था, वहीं महाराष्ट्र सरकार अपने राज्य में इसी तरह का सर्वेक्षण करने की पद्धति को समझने के लिए बिहार के अधिकारियों के संपर्क में थी. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान जाति सर्वेक्षण पहले ही पूरा कर लिया है. राज्य पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को तत्कालीन सीएम एचडी कुमारस्वामी (CM HD Kumaraswamy) ने एक्सेप्ट नहीं किया था.