/financial-express-hindi/media/post_banners/OWt3dROK7yuOZXYc56Yr.jpg)
Rahul Gandhi in Manipur : राहुल गांधी को मणिपुर के बिष्णपुर में रोके जाने की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है. (Photo shared by @INCIndia on Twitter)
Congress attacks BJP Govt after Rahul Gandhi stopped in Manipur: कांग्रेस ने कहा है कि मणिपुर में उसके नेता राहुल गांधी के काफिले को पुलिस ने चुराचांदपुर के रास्ते में जिस तरह से रोका वह सरकार की तानाशाही मानसिकता को दिखाता है. कांग्रेस ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे हिंसा पीड़ित लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने जा रहे राहुल गांधी को बिष्णुपुर में रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर करीब दो महीने से हिंसा की आग में झुलसते मणिपुर की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के काफिले को रोकने का आदेश मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की ओर से आया था क्योंकि ‘‘हर कोई उनका स्वागत कर रहा था.’
राहुल को तानाशाही तरीकों से रोका जा रहा : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर में बिष्णुपुर के पास रोक दिया गया. वे वहां रिलीफ कैंप में रहने वाले पीड़ित लोगों से मिलने और हिंसा से झुलसते राज्य के जख्मों पर मरहम लगाने गए हैं. जबकि पीएम मोदी ने अब तक मणिपुर के मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जरूरत नहीं समझी. उन्होंने राज्य को उसके हाल पर छोड़ दिया है. अब उनकी डबल इंजन की बर्बादी लाने वाली सरकारें राहुल गांधी के प्रेम और करुणा भरे प्रयास को रोकने के लिए तानाशाही तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं. ऐसा करना सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, जिसे हम किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे. मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं. "
Shri @RahulGandhi’s convoy in Manipur has been stopped by the police near Bishnupur.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 29, 2023
He is going there to meet the people suffering in relief camps and to provide a healing touch in the strife-torn state.
PM Modi has not bothered to break his silence on Manipur. He has left…
पीड़ितों से मिलने रिलीफ कैंप जा रहे थे राहुल
राहुल गांधी गुरुवार की सुबह मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे, जहां से चुराचांदपुर के रिलीफ कैंप के लिए सड़क के रास्ते रवाना हुए. लेकिन बिष्णुपुर में मणिपुर पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने आगे के रास्ते में हिंसा की आशंका को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी के काफिले को रोका. राहुल गांधी दो दिन के मणिपुर की यात्रा पर पहुंचे हैं, जहां वे रिलीफ कैंप में रहने वाले हिंसा पीड़ितों के अलावा सिविल सोसायटी के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
राहुल का दौरा भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप : जयराम
राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार राहुल गांधी को रिलीफ़ कैंप्स का दौरा करने और इंफाल के बाहर लोगों से बातचीत करने से रोक रही है. उनका दो दिवसीय मणिपुर दौरा भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप है. प्रधानमंत्री अपने लिए मणिपुर को लेकर न कुछ कहना और न ही कुछ करना चुन सकते हैं, लेकिन मणिपुरी समाज के सभी वर्गों को सुनने और उनके दुःख दर्द को समझने के राहुल गांधी के प्रयासों को क्यों बाधित किया जा रहा है?"
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार @RahulGandhi को रिलीफ़ कैंप्स का दौरा करने और इंफाल के बाहर लोगों से बातचीत करने से रोक रही है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 29, 2023
उनका दो दिवसीय मणिपुर दौरा भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप है। प्रधानमंत्री अपने लिए मणिपुर को लेकर न कुछ कहना और न ही कुछ करना चुन सकते… https://t.co/fmyg0qxbPc
सत्ता में बैठे लोगों को शांति, प्रेम, भाईचारे से नफरत है : कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए ट्वीट करके कहा है, "राहुल गांधी जी मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे. बीजेपी सरकार ने पुलिस लगाकर उन्हें रास्ते में रोक दिया. राहुल जी शांति का संदेश लेकर मणिपुर गए हैं. सत्ता में बैठे लोगों को शांति, प्रेम, भाईचारे से सख्त नफरत है. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए… ये देश गांधी के रास्ते पर चलेगा, ये देश प्यार के रास्ते पर चलेगा." कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मामले में केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब हिंसा रोकनी है तब आप राहुल जी को रोक रहे हैं.
मणिपुर हिंसा को 2 महीने हो गए लेकिन PM मोदी ने हिंसा की भर्त्सना और शांति की अपील नहीं की। गृह मंत्री के दौरे के बाद हिंसा और बढ़ गई।
— Congress (@INCIndia) June 29, 2023
आखिर मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए आपका प्लान क्या है?
जब हिंसा रोकनी है तब आप राहुल जी को रोक रहे हैं। हाथरस, लखीमपुर जाते हुए भी राहुल… pic.twitter.com/3rA2YLWRx6
राहुल गांधी की यात्रा के खिलाफ हैं कई वर्ग : पात्रा
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने दावा किया कि राहुल गांधी को हेलिकॉप्टर से जाने के लिए कहा गया था, क्योंकि उनकी यात्रा का विभिन्न वर्गों ने विरोध किया था लेकिन वह सड़क मार्ग से यात्रा करने पर ‘‘अड़े’’ हुए थे. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा का मणिपुर में कई नागरिक समाज संगठनों और छात्र संघों ने पुरजोर विरोध किया है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने गांधी से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जाने का अनुरोध किया था.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए ‘‘अड़ियल’’ रवैया अपनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि संवेदनशील स्थिति को समझा जाए. हालांकि कांग्रेस ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि मणिपुर के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी उनसे मिलकर उनकी तकलीफ को समझें और जिस तरह से उन्हें रोका गया, उससे लोगों में भारी नाराजगी है.
"@RahulGandhi ji wants to visit the violence-hit areas to assess the ground situation.
— Congress (@INCIndia) June 29, 2023
Let him go!
Why is the govt blocking his visit?
What is the hidden agenda?"
Locals voice their outrage over the BJP's decision to stop Rahul Gandhi ji's convoy in Manipur.
The BJP… pic.twitter.com/Zx8eyUPQws
मणिपुर में मई से जारी है हिंसा का दौर
मणिपुर में मई के महीने से लगातार जारी जातीय हिंसा के दौरान अब तक करीब 120 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. राज्य में हिंसा की शुरूआत 3 मई को आयोजित "आदिवासी एकता मार्च" से हुई थी. यह मार्च राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों ने मेतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की कैटेगरी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित किया था. हालांकि इसके कुछ ही दिन पहले कुकी आदिवासियों को रिजर्व फॉरेस्ट से जबरन बाहर निकाले जाने की वजह से भी तनाव का माहौल बना हुआ था. मणिपुर की 53 फीसदी आबादी मेतेई समुदाय की है, जबकि कुकी और नागा जैसे आदिवासियों की कुल आबादी करीब 40 फीसदी है. मेतेई समुदाय के लोग आम तौर पर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासियों की अधिकांश आबादी पहाड़ी जिलों में रहती है.