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Congress attacks Modi: कांग्रेस का आरोप, चुनावी बॉन्ड पर पीएम मोदी ने बोला झूठ, 6 साल तक छिपाई चंदे की जानकारी

PM Modi Attacked on Electoral Bonds : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, इलेक्टोरल बांड स्कीम पर पीएम मोदी बोल रहे हैं झूठ. सुप्रीम कोर्ट की कड़ाई से सामने आए चुनावी चंदे के आंकड़े, मोदी सरकार ने तो अंतिम समय तक जानकारी छिपाने की भरसक कोशिश की.

PM Modi Attacked on Electoral Bonds : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, इलेक्टोरल बांड स्कीम पर पीएम मोदी बोल रहे हैं झूठ. सुप्रीम कोर्ट की कड़ाई से सामने आए चुनावी चंदे के आंकड़े, मोदी सरकार ने तो अंतिम समय तक जानकारी छिपाने की भरसक कोशिश की.

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Viplav Rahi
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Congress attacks PM Modi : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के बचाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई दलीलों का जवाब देते हुए सरकार पर तीखा हमला किया है (Photo : PTI)

Congress attacks PM Modi over his remarks on electoral bonds: कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक बताकर रद्द कर दी गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के बचाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई दलीलों पर करारा पलटवार किया है. पीएम मोदी ने एक तमिल चैनल को दिए बयान में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का बचाव करते हुए कहा है कि मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया तभी ये पता चल रहा है कि पैसा कहां से आया, कहां गया. वरना पहले तो कुछ पता ही नहीं चलता था. इसी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड के कारण फंडिंग के बारे में जानकारी मिल रही है. सच तो यह है कि उन्होंने इस स्कीम को चंदे की सारी जानकारी गोपनीय रखने और लोगों से छिपाने के लिए ही बनाया था और उनकी सरकार अदालत में अंतिम समय तक जानकारी छिपाने की कोशिश करती रही. वो तो सुप्रीम कोर्ट ने स्कीम को अवैध बताकर रद्द कर दिया और जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया, तब जाकर लोगों को पता चला कि क्या हो रहा था.

हर दिन बेईमानी की गहराई में उतर रहे पीएम मोदी : कांग्रेस

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया के जरिये पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा, "हर दिन प्रधानमंत्री हिपोक्रेसी की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं और बेईमानी की और अधिक गहराई में उतरते जा रहे हैं. एक तमिल टेलीविजन चैनल को दिए अपने ताज़ा इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने देश से एक बार फिर बहुत बड़ा झूठ बोला है. उन्होंने कहा कि "फंड कहां से आया है, उसका इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है" यह सिर्फ़ उनके द्वारा शुरू की गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के कारण ही पता चल रहा है. जबकि वास्तविक तथ्य ये हैं:

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•  इलेक्टोरल बांड स्कीम को पूरी तरह से गुप्त रखने के लिए डिज़ाइन किया गया था. दूसरे शब्दों में, प्रधानमंत्री मोदी जनता से यह विवरण छिपाना चाहते थे कि "राजनीतिक दलों को धन कहाँ से आया है, और उनका इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है."

•  2018 से 2024 के बीच छह वर्षों में किस पार्टी को किस चंदा देने वाले से कितना चंदा मिला, इसकी कोई भी जानकारी जनता के सामने नहीं आई.

•  2024 में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार दिया और इसे खारिज कर दिया. अदालत में आखिरी दिन तक मोदी सरकार ने इस स्कीम की गुप्तता का बचाव करने की कोशिश की.

•  अंत में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई यह विवरण प्रकाशित करे कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया है. फिर भी, रिमोट कंट्रोल से चल रहे एसबीआई ने अदालत से झूठ बोला और कहा कि उसने यह जानकारी एकत्र ही नहीं की है. फ़िर उसने डेटा एकत्र करने के लिए तीन महीने का समय मांगा - वे स्पष्ट रूप से लोकसभा चुनाव के बाद तक डेटा सार्वजनिक करने के लिए एक्सटेंशन चाहते थे. यह केवल सुप्रीम कोर्ट का कठोरता के साथ किया गया हस्तक्षेप ही था जिसने एसबीआई को कुछ दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से डेटा जारी करने के लिए मजबूर किया.

•  जब एसबीआई ने राजनीतिक दलों के साथ चंदा देने वालों के डेटा के मिलान के लिए 3 महीने के एक्सटेंशन की मांग की थी, तब वह झूठ बोल रहा था. प्रत्येक दानकर्ता का उस राजनीतिक दल से मिलान करने में, जिसे उन्होंने दान दिया था हमारी टीम को पाइथन कोड की पांच लाइनें और पंद्रह सेकंड से भी कम समय लगा.

•  जहां तक प्रधानमंत्री के सवाल की बात है, "मैंने ऐसा क्या किया है, जिससे मुझे झटका लगे?" मोदी जी, आंकड़ों से आपकी पार्टी और सरकार के घोर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है.

•  4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स, प्रोजेक्ट्स और पर्यावरण मंजूरी को स्पष्ट रूप से कॉर्पोरेट चंदा-दाताओं द्वारा आपकी पार्टी को दिए गए हजारों करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बांड डोनेशन से जोड़ा जा सकता है. भारत सरकार एक सुपरमार्केट बनकर रह गई है - "चंदा दो, धंधा लो."

•  कंपनियों पर कम से कम 40 ईडी/आईटी/सीबीआई छापे के बाद भाजपा को बड़े पैमाने पर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से चंदा मिला है. प्रधानमंत्री और उनके साथी सुनियोजित ढंग से हफ्ता वसूली में लगे हुए हैं.”

जयराम रमेश ने कहा, “मोदी सरकार का भ्रष्टाचार तो काफी समय से जगजाहिर है; झटका यह है कि इसे साबित करने के लिए अब तथ्य और आंकड़े मौजूद हैं. दुर्भाग्य से, हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री इसे छुपाने के लिए देश के लोगों से झूठ बोलने का अपना फुल टाइम काम जारी रखेंगे."

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पीएम मोदी ने इंटरव्यू में क्या कहा है? 

दरअसल जयराम रमेश ने पीएम मोदी के जिस दावे पर पलटवार किया है, वह उन्होंने एक तमिल टीवी चैनल को दिए ताजा इंटरव्यू में किया है. तमिल चैनल के पत्रकार ने पीएम मोदी ने सवाल किया था कि क्या उन्हें ऐसा लगता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उनकी पार्टी के लिए शर्मिंदगी की वजह बन गया है और इससे उन्हें नुकसान होने वाला है? इस पर पीएम मोदी ने पलटकर पूछा, "मुझे बताइए ऐसा क्या किया है कि इसको लेकर सेटबैक हो..जो लोग इसको लेकर नाच रहे हैं और गर्व कर रहे हैं, वो पछताने वाले हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि 2014 के पहले जितने चुनाव हुए...उनमें खर्चा तो हुआ होगा न? कौन एजेंसी है, जो बता पाती कि पैसा कहां से आया, कहां खर्चा हुआ.....ये तो मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया था...इसके कारण आप आज ढूंढ पा रहे हो कि पैसा, बॉन्ड किसने लिया, कहां दिया...वरना तो पहले कोई पता ही नहीं था..चुनाव का तो खर्चा होता था...आज आपको ट्रेल मिल रहा है, क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड थे...कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं होती, कमियां हो सकती हैं, उन कमियों को सुधारा जा सकता है...कम से कम इलेक्टोरल बॉन्ड होता तो आपके पास  जानकारी होती कि भाई यहां से यहां गया...यहां गया..यहां गया."

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