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कांग्रेस का नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप, अडानी मामले में JPC की मांग न उठे इसलिए पीएम ने बजवाए 'ढोल'

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम ने संसद की कार्यवाही स्थगित कराने के लिए अपने ही लोगों से ढोल बजवाए, ताकि अडानी ग्रुप मामले में JPC गठित करने की मांग न उठ सके.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम ने संसद की कार्यवाही स्थगित कराने के लिए अपने ही लोगों से ढोल बजवाए, ताकि अडानी ग्रुप मामले में JPC गठित करने की मांग न उठ सके.

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FE Hindi Desk
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कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश. (IE File Photo)

कांग्रेस (Congress) ने कथित अपारदर्शी वित्तीय लेन-देन से जुड़े ‘विनोद अडानी की शेल कंपनियों के नेटवर्क’ को लेकर सोमवार को सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की कार्यवाही स्थगित करवाने के लिए अपने ही लोगों से ढोल बजवाए, ताकि अडानी ग्रुप (Adani Group) से जुड़े मामले में ज्वॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (JPC) गठित करने की मांग नहीं उठ सके. कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने पिछले कई दिनों की तरह आज अपने सवालों की श्रृंखला ‘हम अडानी के हैं कौन’ की उप श्रृंखला ‘दिख रहा है विनोद’ के तहत कुछ सवाल किए.

पीएम ने इस वजह से स्थगित कराई संसद की कार्यवाही: कांग्रेस

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज संसद की कार्यवाही को स्थगित करवाने के लिए अपने लोगों से ढोल बजवाए, ताकि अडानी महाघोटाले में जेपीसी की मांग न उठ सके, लेकिन वह हमें सवाल पूछने से नहीं रोक पाएंगे.

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उन्होंने दावा किया कि आज के सवाल गौतम अडानी (Gautam Adani) के बड़े भाई विनोद अडानी (Vinod Adani) और अपारदर्शी वित्तीय लेन-देन में शामिल शेल कंपनियों के उनके नेटवर्क की केंद्रीय भूमिका से संबंधित हैं. अडानी ग्रुप ने बार-बार विनोद अडानी से संबंधित सवालों को नज़रअंदाज़ किया है और दावा किया है कि वे ग्रुप के प्रबंधन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं.

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क्या ED जैसी एजेंसियां अडानी मामले में करेंगी जांच: कांग्रेस

कांग्रेस संचार महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि अगर विनोद अडानी की अडानी ग्रुप से इतनी ही दूरी है तो अडानी एंटरप्राइज़ेज़ के प्रबंधकर्ता अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में वरिष्ठ प्रबंधक कैसे बन गए? भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) दृढ़तापूर्वक क्यों कहता है कि यह ‘अडानी ग्रुप का हिस्सा है? उन्होंने यह भी पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियां क्या कभी जांच करेंगी कि ये धन कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है? आप कब अपने मित्रों और वित्तदाताओं को संरक्षण देना बंद करेंगे और क़ानून को अपना काम करने देंगे?

कांग्रेस अमेरिकन फाइनेंशियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है. उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.

श्रीलंकन विदेश मंत्री ने पहले हां फिर बाद में ना कहा: कांग्रेस

श्रीलंका के विदेश मंत्री के हालिया साक्षात्कार का हवाला देते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि कोलंबो बंदरगाह प्रोजेक्ट के लिए मोदी सरकार ने एक अडानी ग्रुप को चुने जाने के लिए किस आधार पर जोर दिया. सोशल मीडिया के माध्यम से साक्षात्कार का हवाला देते हुए कांग्रेस ने बताया कि प्रधानमंत्री से पार्टी द्वारा हम अडानी के हैं कौन (HAHK) सीरीज के तहत पूछे गए सवालों का यह सेट का हिस्सा है. कांग्रेस का दावा है कि मोदी सरकार के खिलाफ लगातार सवालों की सीरीज जारी किए जाने के बाद हाल ही में श्रीलंका के विदेश मंत्री को दूरदर्शन चैनल (DD) पर इंटव्यू देने के लिए मजबूर होना पड़ा और कहना पड़ा कि अडानी ग्रुप को प्रोजेक्ट के लिए चुने जाने में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.

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