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Oil, Gas Reserves Depletion: अमेरिका के ओक्लाहोमा में क्रूड ऑयल स्टोरेज की तस्वीर. भारत सरकार ने संसद में कहा है कि खपत की मौजूदा रफ्तार जारी रही तो दुनिया में तेल और गैस के सारे भंडार करीब 50 साल में खत्म होने की आशंका है. (File Photo: REUTERS)
Crude Oil and Natural Gas Reserves will end in approximately 50 years informs Government : अगर आपको अपनी कार में सैकड़ों किलोमीटर लंबी ड्राइव पर जाना बेहद पसंद है और अपना यह शौक पूरा करने के लिए आप पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की भी परवाह नहीं करते, तो यह खबर आपके लिए ही है. दुनिया भर के लोग जितनी तेज रफ्तार से पेट्रोल-डीजल और नेचुरल गैस का धुआंधार इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे लंबे समय तक जारी रख पाना मुमकिन नहीं है. अगर सबकुछ ऐसा ही चलता रहा, तो करीब 50 साल बाद धरती पर पेट्रोल-डीजल और नेचुरल गैस का भंडार खत्म हो जाएगा. यह बात खुद भारत सरकार ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही है.
केंद्रीय मंत्री ने संसद में क्या बताया
मोदी सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने संसद में बताया है कि दुनिया भर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खपत अगर मौजूदा रफ्तार से चलती रही तो अगले करीब 50 साल में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के भंडार खत्म हो जाएंगे. दुनिया भर में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडारों का इस्तेमाल अगर उसी रफ्तार से होता रहा, जैसे अभी हो रहा है, तो मौजूदा अनुमानों के मुताबिक कच्चे तेल का पूरा भंडार 53.5 साल में खत्म हो जाएगा, जबकि प्राकृतिक गैस का भंडार उससे भी पहले 48.8 साल में ही समाप्त होने की आशंका है.
क्लीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही है सरकार
केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में दी. उन्होंने बताया कि रिजर्व टू प्रोडक्शन रेशियो (reserves-to-production, R/P) पर आधारित ये अनुमान एनर्जी इंस्टीट्यूट स्टैटिस्टिकल रिव्यू ऑफ वर्ल्ड एनर्जी 2023 में दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि तेजी से खाली होते कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार की इस हालत को देखते हुए ही भारत सहित कई देशों की सरकारें बायो फ्यूल, कंप्रेस्ड बायोगैस, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्लीन एनर्जी के सोर्स का विकास करने और इलेक्ट्रिक वेहिकल्स को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं. इन तमाम कोशिशों का मकसद कोयले, कच्चे-तेल और गैस जैसे हाइ़ड्रोकार्बन आधारित फ्यूल की जगह क्लीन एनर्जी को प्रोत्साहन देना है.
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राज्यसभा में पूछा गया था सवाल
रामेश्वर तेली ने यह सारी जानकारी बीआरएस के राज्यसभा सांसद रविचंद्र वड्डीराजू के एक सवाल के लिखित जवाब में दी है. रविचंद्र ने पूछा था कि क्या केंद्र सरकार को इस बात की जानकारी है कि अगर पेट्रोलियम उत्पादों की खपत मौजूदा स्तर पर जारी रही तो दुनिया भर में पेट्रोलियम भंडार अगले 50 साल में समाप्त हो जाएंगे? केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में यह भी बताया कि भारत सरकार प्राकृतिक गैस, बायो फ्यूल, कंप्रेस्ड बायो गैस, ग्रीन हाइड्रोजन और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार पेट्रोल में मिलाए जाने वाले एथेनॉल की मात्रा बढ़ाने, डीजल में बायो-डीजल की मिक्सिंग बढ़ाने और कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित करने पर जोर दे रही है. इसके अलावा बड़ी संख्या में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है.