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मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को मिलेगा 2023 का दादा साहब फाल्के सम्मान. (Image: MIB)
Dadasaheb Phalke Award 2023: भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 2023 का ऐलान हो गया है और इस बार यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जाने-माने एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्युशर मोहनलाल (Mohanlal) को दिया जाएगा. संचार मंत्रालय ने एक्स पर किए एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है. मशहूर मलयालम एक्टर मोहनलाल को यह सम्मान उनके काम के लिए 23 सितंबर को दिया जाएगा. पिछले साल मिथुन चक्रवर्ती को 2022 का दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया था.
मंत्रालय ने पोस्ट में लिखा कि यह फैसला दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड चयन समिति की सिफारिश पर लिया गया है. मोहनलाल ने अपने चार दशकों से भी ज्यादा लंबे करियर में अपनी बेहतरीन अदाकारी, अनोखी प्रतिभा और बहुमुखी भूमिकाओं से न सिर्फ मलयालम सिनेमा बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत में सुनहरा अध्याय लिखा है. उनकी सिनेमाई यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी हुई है.
On the recommendation of the Dadasaheb Phalke Award Selection Committee, the Government of India is pleased to announce that Shri. Mohanlal will be conferred the prestigious Dadasaheb Phalke Award 2023.
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) September 20, 2025
Mohanlal’s remarkable cinematic journey inspires generations! 🌟
The… pic.twitter.com/n1L9t5WQuP
एक्टर मोहनलाल को यह लाइफटाइम अवार्ड 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 23 सितंबर 2025 को दिया जाएगा.
क्या है दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड
भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के के योगदान को यादगार बनाने के लिए 1969 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत की थी. फाल्के ने साल 1913 में भारत की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) डायरेक्ट की थी. इस पुरस्कार को भारत में ‘उल्लेखनीय योगदान और विकास’ के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है और हर साल ऐसे शख्सियतों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयां दी हैं. पहला अवॉर्ड 1969 में देविका रानी को दिया गया था और अब 2023 का सम्मान मशहूर मलयालम अभिनेता मोहनलाल को दिया जा रहा है. पुरस्कार में स्वर्ण कमल (Golden Lotus) मेडल, शॉल और 10 लाख रुपये की नकद राशि शामिल होती है.
किसे मिला पहला और आखिरी दादा साहेब फाल्के सम्मान
साल - शख्सियत
2022 - मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty)
2021 - वहीदा रहमान (Waheeda Rehman)
2020 – आशा पारेख (Asha Parekh)
2019 – रजनीकांत (Rajinikanth)
2018 – अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)
2017 – विनोद खन्ना (Vinod Khanna)
2016 – के विश्वनाथ (K Viswanath)
2015 – मनोज कुमार (Manoj Kumar)
2014 – शशि कपूर (Shashi Kapoor)
2013 – गुलज़ार (Gulzar)
2012 – प्रण (Pran)
2011 – सुमित्रा चटर्जी (Soumitra Chatterjee)
2010 – के बालाचंदर (K Balachander)
2009 – डी रमणaidu (D Ramanaidu)
2008 – वी के मूर्ति (V K Murthy)
2007 – मन्ना डे (Manna Dey)
2006 – तपन सिन्हा (Tapan Sinha)
2005 – श्याम बेनेगल (Shyam Benegal)
2004 – अदूर गोपालकृष्णन (Adoor Gopalakrishnan)
2003 – मृणाल सेन (Mrinal Sen)
2002 – देव आनंद (Dev Anand)
2001 – यश चोपड़ा (Yash Chopra)
2000 – आशा भोसले (Asha Bhosle)
1999 – हृषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukerjee)
1998 – बी. आर. चोपड़ा (B. R. Chopra)
1997 – कवि प्रदीप (Kavi Pradeep)
1996 – शिवाजी गणेशन (Shivaji Ganesan)
1995 – डॉ. राजकुमार (Dr. Rajkumar)
1994 – दिलीप कुमार (Dilip Kumar)
1993 – मजरूह सुलतानपुरी (Majrooh Sultan Puri)
1992 – डॉ. भूपेन हज़ारिका (Dr. Bhupen Hazarika)
1991 – बी. जी. पेंडहारकर (B. G. Pendharkar)
1990 – ए. नागेश्वर राव (A. Nageswar Rao)
1989 – लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
1988 – अशोक कुमार (Ashok Kumar)
1987 – राज कपूर (Raj Kapoor)
1986 – बी. नागी रेड्डी (B. Nagi Reddy)
1985 – व. शंताराम (V. Shantaram)
1984 – सत्यजित रे (Satyajit Ray)
1983 – दुर्गा खोते (Durga Khote)
1982 – एल. वी. प्रसाद (L. V. Prasad)
1981 – नौशाद अली (Naushad Ali)
1980 – पी. जयराज (P. Jairaj)
1979 – सोहराब मोदी (Sohrab Modi)
1978 – आर. सी. बोरेल (R. C. Boral)
1977 – नितिन बोस (Nitin Bose)
1976 – कानन देवी (Kanan Devi)
1975 – धीरन गांगुली (Dhiren Ganguly)
1974 – बी. एन. रेड्डी (B. N. Reddy)
1973 – सुलोचना (रूबी मायर्स) (Sulochana / Ruby Myers)
1972 – पंकज मुल्लिक (Pankaj Mullick)
1971 – पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor)
1970 – बी. एन. सिरकार (B. N. Sircar)
1969 – देविका रानी रोएरिच (Devika Rani Roerich)