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पूर्व IAS कन्नन गोपीनाथन ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के विरोध में 6 साल पहले सिविल सर्विस छोड़ दी थी. Photograph: (Image: X/@INCIndia)
Kannan Gopinathan Joins Congress: बिहार चुनाव के शोर के बीच बड़ी खबर आ रही है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में चर्चे में आए पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं. कन्नन ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और कम्यूनिकेशन बैन के विरोध में 6 साल पहले 5 अगस्त 2019 को सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि सरकार को 370 हटाने का अधिकार है, लेकिन नागरिकों को अपनी प्रतिक्रिया देने का भी अधिकार है, और लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी का दमन अस्वीकार्य है.
कांग्रेस नेता बनने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने क्या कहा?
कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने कहा, “2019 में मैंने इस्तीफा दिया था. उस समय स्पष्ट था कि सरकार जिस दिशा में देश को ले जाना चाहती है, वह सही नहीं है. मुझे गलत के खिलाफ लड़ना था. मैंने 80-90 जिलों की यात्रा की, लोगों से बात की और कई नेताओं से मिला. तब यह साफ हो गया कि केवल कांग्रेस ही देश को सही दिशा में ले जा सकती है.
मैंने 2019 में नौकरी से इस्तीफा दिया और तब ये पता था कि सरकार देश को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वह रास्ता गलत है। मुझे यह भी पता था कि इस 'गलत' के खिलाफ लड़ना है।
— Congress (@INCIndia) October 13, 2025
इस फैसले के बाद मैं देश के 80-90 जिलों में गया, लोगों से बातचीत की और तमाम नेताओं से मुलाकात की। मुझे समझ आया कि… pic.twitter.com/VlxMKH4Llr
कन्नन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम बहुत समय बाद प्रजा से नागरिक बने थे, क्योंकि हमें सवाल पूछने का हक है. मगर हमने यह भी देखा कि इस सरकार में जो भी सवाल पूछता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है. कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला लेने में मुझे काफी वक्त लगा. भविष्य में पार्टी कन्नन को जो जिम्मेदारी देगी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की भी बात कही.
कौन हैं कन्नन गोपीनाथन?
कन्नन गोपीनाथन 2012 बैच के AJMUT कैडर के पूर्व IAS अधिकारी हैं. उन्होंने दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में विभिन्न विभागों जैसे बिजली और शहरी विकास में काम किया. 2019 में 370 हटने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और एक्टिविस्ट की तरह काम करने लगे.
उन्होंने CAA विरोधी प्रदर्शनों में प्रमुख भूमिका निभाई और देश के विभिन्न शहरों में हुए विरोधों को संबोधित किया. अप्रैल 2020 में सरकार ने उन्हें ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया, लेकिन गोपीनाथन ने नौकरी नहीं जॉइन की. इसके बाद से वे लगातार सरकार विरोधी मुद्दों पर आवाज उठाते रहे और आज कांग्रेस में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा की नई शुरुआत कर रहे हैं.
आज कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कन्नन गोपीनाथन को पार्टी की सदस्यता दिलाई. कांग्रेस के लिए यह कदम संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में खड़े होने का संदेश माना जा रहा है. उनके शामिल होने से पार्टी की लोकप्रियता विशेष रूप से कश्मीर और केरल में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.