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EPFO New Rules 2025: अब अपने पीएफ से पैसे निकालना पहले से आसान, तेज और डिजिटल हो गया है. (File Photo : PTI)
EPFO Minimum Pension Hike Latest Update: एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइज़ेशन (EPFO) के लाखों सदस्यों के लिए यह दिवाली खुशियों भरी हो सकती है. संगठन की टॉप डिसीजन मेकिंग बॉडी सें सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में कर्मचारियों की मिनिमम पेंशन को लेकर एक बड़ा फैसला आने की उम्मीद है. बीते 10 सालों से रुकी हुई एम्प्लॉइज पेंशन स्कीम (EPS 1995) के तहत मिनिमम पेंशन को बढ़ाने की मांग जोरों पर है, और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसे मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये किया जा सकता है, जो 150% की बढ़ोतरी होगी.
मिनिमम पेंशन में 10 साल बाद बदलाव की उम्मीद
कर्मचारी और विभिन्न ट्रेड यूनियनों लंबे समय से मिनिमम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ के कारण यह फैसला अब तक टलता रहा है. यदि यह बढ़ोतरी होती है, तो यह बीते 10 सालों में ईपीएस स्कीम के तहत पहला संशोधन होगा.
संभावित बढ़ोतरी
मिनिमम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये किए जाने की चर्चा है, जो ईपीएफओ सदस्यों के लिए एक बड़ा दिवाली गिफ्ट साबित हो सकता है.
कर्मचारियों की मांग
विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने मिनिमम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये तक करने की भी मांग की है, लेकिन सरकार पर भारी वित्तीय बोझ के कारण इस स्तर तक की बढ़ोतरी की संभावना फिलहाल कम है. यदि ऐसा होता है, तो यह मौजूदा मिनिमम पेंशन में 750% की बढ़ोतरी होगी.
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ईपीएफओ 3.0 रिफार्म और तकनीकी अपग्रेड के बीच, सीबीटी की बैठक इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए मंच तैयार कर सकती है.
क्या है EPS-1995 स्कीम?
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS Pension Scheme) एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम है, जिसे 19 नवंबर 1995 को EPFO द्वारा शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ प्रदान करना है.
EPS-1995 स्कीम के लिए क्या है पात्रता
- यह योजना मौजूदा और नए ईपीएफ सदस्यों को मिलती है.
- कर्मचारी के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 12% कर्मचारी और 12% एम्प्लॉयर यानी कंपनी द्वारा ईपीएफ में जमा किया जाता है.
- कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ में जाता है.
- एम्प्लॉयर का कॉन्ट्रिव्यूशन दो हिस्सो में बंटता है. इसका 8.33% कॉन्ट्रिव्यूशन ईपीएस में जाता है और शेष 3.67% ईपीएफ में जाता है.
- सरकार भी बजटीय सहायता के रूप में हर कर्मचारी के वेतन का 1.16% ईपीएस योजना में योगदान करती है (अधिकतम 15,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर).
पेंशन के लिए क्या है पात्रता
- ईपीएफओ का सदस्य होना आवश्यक.
- किसी कंपनी में कम से कम 10 साल तक नौकरी पूरी करना.
- रिटायरमेंट की आयु 58 वर्ष है.
- खास मामलो में 10 साल से कम की नौकरी पर भी कम दर पर पेंशन मिल सकती है.
- विकलांगता या सर्विस के दौरान मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य भी लाभ के पात्र होते हैं.
ईपीएस पेंशन की राशि आपकी कुल सेवा अवधि और पिछले 5 सालों के औसत बेसिक पे पर निर्भर करती है. सदस्यों को अब सीबीटी के आगामी फैसले का बेसब्री से इंतजार है.