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विदेशी निवेशकों ने फरवरी में अबतक बेचे 3,776 करोड़ के शेयर, बॉन्ड बाजार में डाले 16,560 करोड़

FPI: विदेशी निवेशकों का बॉन्ड बाजार (डेट मार्केट) के प्रति उत्साह बरकरार है. इस महीने 16 फरवरी तक FPI ने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले. 

FPI: विदेशी निवेशकों का बॉन्ड बाजार (डेट मार्केट) के प्रति उत्साह बरकरार है. इस महीने 16 फरवरी तक FPI ने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले. 

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FE Hindi Desk
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इस महीने 16 फरवरी तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं.

अमेरिकी में बॉन्ड यील्ड बढ़ने और घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. हालांकि, विदेशी निवेशक डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार को लेकर उत्साहित हैं और समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 19,836 करोड़ रुपये डाले थे. दिसंबर में उन्होंने 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. 

FPI ने शेयर बाजारों से निकाले 3,776 करोड़

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने इस महीने 16 फरवरी तक शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 3,776 करोड़ रुपये की निकासी की है. इससे पहले उन्होंने जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. इसके साथ इस साल उनकी कुल निकासी 29,519 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है.

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सितंबर 2023 में, जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी ने घोषणा की थी कि वह जून, 2024 से अपने बेंचमार्क उभरते बाजार सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करेगी. इस कदम ने पिछले कुछ महीनों में देश के बॉन्ड बाजारों में प्रवाह बढ़ा है. कुल मिलाकर, 2023 के लिए कुल एफपीआई प्रवाह शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये और डेट मार्केट्स में 68,663 करोड़ रुपये रहा. कुल मिलाकर पूंजी बाजार में उनका निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा था.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अपेक्षा से अधिक उपभोक्ता महंगाई दर के कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ा है जिससे एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं.

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा, ताजा बिकवाली की वजह घरेलू और वैश्विक स्तर पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता भी है.

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