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Varanasi Flood: वाराणसी में गंगा उफान पर, मणिकर्णिका-हरिश्चंद्र घाट डूबे, सैकड़ों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर

वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा बढ़ा है, जिससे घाटों पर अंतिम संस्कार और गंगा आरती ऊंचाई पर करनी पड़ी है. अब तक 140 से अधिक परिवारों के 800 लोग राहत शिविरों या सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं.

वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा बढ़ा है, जिससे घाटों पर अंतिम संस्कार और गंगा आरती ऊंचाई पर करनी पड़ी है. अब तक 140 से अधिक परिवारों के 800 लोग राहत शिविरों या सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं.

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FE Hindi Desk
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प्रशासन ने अब तक 45 से ज्यादा राहत शिविर बनाए हैं, जिनमें से सात पूरी तरह एक्टिव हैं. (Image: PTI)

Varanasi Floods: वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. शनिवार को गंगा 69.96 मीटर तक पहुंच गई, जो चेतावनी स्तर 70.26 मीटर से सिर्फ 30 सेंटीमीटर नीचे और खतरे के  है. इससे मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार स्थगित हो गए और गंगा आरती ऊपरी मंचों पर स्थानांतरित कर दी गई. 

वाराणसी में बाढ़ से 800 लोग हुए बेघर

जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 46 राहत शिविर बनाए जा चुके हैं जिनमें से 7 पूरी तरह से एक्टिव हैं. इन शिविरों में अब तक करीब 600 लोगों ने शरण ली है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए नावों की मदद ली जा रही है. साथ ही राहत शिविरों में पीड़ितों को भोजन दूध फल और ओआरएस पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

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गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि का असर अब वरुणा नदी पर भी साफ दिखाई दे रहा है. वरुणा नदी भी उफान पर है जिससे उसके किनारे बसे क्षेत्रों जैसे सारैया नक्खीघाट दनियालपुर और हुकुलगंज में बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि लोग राहत शिविरों सड़कों के किनारे या ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं. अब तक इन इलाकों से करीब 250 से अधिक परिवारों के करीब 1200 लोग या तो राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं या अपनी मर्जी से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं.

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अलर्ट मोड पर प्रशासन

गंगा का पानी तेजी से चेतावनी स्तर पार करने की ओर बढ़ रहा है, और उम्मीद है कि आज ये डेंजर मार्क के करीब पहुंच सकता है. दूसरी ओर, बलिया और गाजीपुर जैसे निचले जिलों में भी बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. डिविजनल कमिश्नर एस राजलिंगम ने बाढ़ प्रबंधन की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा है. नगर निगम को नियमित सफाई, स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल एक्टिव करने और PWD को सड़क-पुल की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं. पशुओं की देखभाल, साफ पानी और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. नाविकों की रोज़ी-रोटी पर संकट है, वहीं घाटों की दुकानें पूरी तरह बंद हो गई हैं. जलस्तर घटने तक हालात सामान्य होने की उम्मीद नहीं है.

मदद के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क

वाराणसी में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए जिला प्रशासन ने फ्लड कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिया है. लोग सहायता के लिए 0542‑2508550, 2504170 और 9140037137 पर कॉल कर सकते हैं. इन नंबरों पर राहत शिविर, नाव, भोजन-पानी और स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ी जानकारी ली जा सकती है.

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