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Gautam Adani Regrets: गौतम अडानी को किस बात का है अफसोस? कर लेते ये काम तो बिजनेस में मिलती ज्‍यादा सफलता

Gautam Adani Regrets: गौतम अडानी ने एक जापानी खरीदार के साथ अपने पहले सौदे में 10,000 रुपये का कमीशन बनाया था. यह उनके सफलता की शुरूआत थी.

Gautam Adani Regrets: गौतम अडानी ने एक जापानी खरीदार के साथ अपने पहले सौदे में 10,000 रुपये का कमीशन बनाया था. यह उनके सफलता की शुरूआत थी.

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FE Hindi Desk
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Gautam Adani Regrets: गौतम अडानी को किस बात का है अफसोस? कर लेते ये काम तो बिजनेस में मिलती ज्‍यादा सफलता

India Richest: भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्‍स गौतम अडानी को एक बात का अफसोस आज भी है.

World 3rd Richest Businessman: भारत और एशिया के सबसे अमीर और दुनिया के अरबपतियों में तीसरे नंबर पर मौजूद गौतम अडानी ने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है. कारोबार जगत में उनकी कामयाबी हर किसी के जुबान पर है. लेकिन उन्‍हें भी एक बात का बेहद अफसोस है. गौतम अडानी को अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने का आज भी अफसोस रहता है. वह 1978 में सिर्फ 16 साल की उम्र में फॉर्मल एजुकेशन बीच में ही छोड़कर अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई चले गए थे.

तो मैं और ज्‍यादा सफल होता.....

अडानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे अभी भी वह दिन याद है, जब मैंने एक जापानी खरीदार के साथ अपना पहला सौदा किया था. मैंने 10,000 रुपये का कमीशन बनाया था. यह एक उद्यमी के रूप में उनकी यात्रा की शुरुआत थी. उन्होंने कहा कि मुझसे एक और सवाल अक्सर किया जाता है कि क्या मुझे इस बात का कोई पछतावा है कि मैं कॉलेज नहीं गया. अपने जीवन और इसमें आए अलग अलग मोड़ पर विचार करते हुए, मैं यह मानता हूं कि अगर मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की होती तो मुझे फायदा होता.

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जब मिली पहली कामयाबी

मुंबई आने के 3 साल बाद उन्हें कारोबार में पहली कामयाबी मिली जब एक जापानी खरीदार को हीरे बेचने के लिए उन्हें कमीशन के तौर पर 10,000 रुपये मिले. इसके साथ ही एक उद्यमी के तौर पर अडानी का सफर शुरू हुआ और आज वह दुनिया के तीसरे सर्वाधिक अमीर कारोबारी बन चुके हैं. फिर भी उन्हें कॉलेज की अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने का अफसोस है.

फॉर्मल एजुकेशन ही ज्ञान का विस्तार

अडानी ने कहा कि शुरुआती अनुभवों ने उन्हें समझदार बनाया लेकिन फॉर्मल एजुकेशन ही ज्ञान का विस्तार तेजी से करता है. बनासकांठा के शुरुआती दिनों के बाद वह अहमदाबाद चले गए थे जहां उन्होंने माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के लिए 4 साल बिताए. उन्होंने कहा कि 'मैं सिर्फ 16 साल का था, जब मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ने और मुंबई जाने का फैसला किया. एक सवाल मुझसे अक्सर पूछा जाता है - मैं मुंबई क्यों चला गया और अपने परिवार के साथ काम क्यों नहीं किया?

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हीरों के व्यापार की बारीकियां

अडानी ने कहा कि मुझे बस इतना पता था कि मैं कुछ अलग करना चाहता था और यह मैं अपने दम पर करना चाहता था. मैंने रेलगाड़ी का एक टिकट खरीदा और गुजरात मेल से मुंबई जाने के लिए रवाना हो गया. मुंबई में मेरे चचेरे भाई प्रकाशभाई देसाई ने मुझे महेंद्र ब्रदर्स में काम दिलाया, जहां मैंने हीरों के व्यापार की बारीकियां सीखनी शुरू की. मैंने जल्द ही उस व्यवसाय को समझ लिया और लगभग 3 साल तक महेंद्र ब्रदर्स के साथ काम करने के बाद मैंने झवेरी बाजार में हीरे का अपना ब्रोकरेज शुरू किया.

अडानी ग्रुप का कारोबार

अडानी ग्रुप के तहत आज दुनिया की सबसे बड़ी सोलर एनर्जी कंपनी, भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा और बंदरगाह हैं. ग्रुप का कारोबार एनर्जी से लेकर सीमेंट इंडस्‍ट्री तक फैला है. ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन 22500 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. यह सब पिछले साढ़े चार दशकों में हुआ है.

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