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Google को नई पेमेंट पॉलिसी से जुड़े मामले में झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की फौरन सुनवाई की अर्जी

हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने CCI को निर्देश दिया है कि वो गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी के मामले पर 26 अप्रैल से पहले गौर करे. गूगल ने कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर फौरन सुनवाई की मांग की थी.

हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने CCI को निर्देश दिया है कि वो गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी के मामले पर 26 अप्रैल से पहले गौर करे. गूगल ने कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर फौरन सुनवाई की मांग की थी.

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FE Hindi Desk
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दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी के खिलाफ दायर अर्जी से जुड़े मामले में कंपनी को कोई राहत नहीं दी है.

HC refuses urgent hearing to Google against order asking CCI to look into new payment policy: दिग्गज टेक कंपनी गूगल को अपनी नई पेमेंट पॉलिसी से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. गूगल ने हाईकोर्ट में सिंगल जज बेंच के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी के खिलाफ दायर अर्जी पर 26 अप्रैल 2023 से पहले गौर करने को कहा था. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल को कोई राहत देने से इनकार करते हुए उसकी अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी. गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी 26 अप्रैल से लागू होनी है, जिसका देश के बहुत सारे ऐप डेवलपर कड़ा विरोध कर रहे हैं.

ऐप स्टोर में पेड डाउनलोड पर कमीशन लगाने का विरोध

CCI में गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी को अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने चुनौती दी है. फाउंडेशन का कहना है कि अर्जी में गूगल प्ले स्टोर (Google Playstore) पर थर्ड पार्टी पेमेंट प्रोसेसर्स के जरिए ऐप्स के पेड डाउनलोड (paid app downloads) और इन-ऐप परचेज (in-app purchases) की इजाजत कमीशन के आधार पर दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. ADIF के मुताबिक गूगल की यह पॉलिसी न सिर्फ उनके लिए बल्कि दूसरे ऐप डेवलपर्स के लिए भी बेहद नुकसान करने वाली है और ऐप मार्केट में गूगल की मोनोपोली को देखते हुए इससे मार्केट में असंतुलन आने का भी खतरा है.

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26 अप्रैल से लागू होनी है गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी

गूगल की यह नई पेमेंट पॉलिसी 26 अप्रैल से लागू होनी है. यही वजह है कि ADIF ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके मांग की थी कि CCI में इस मामले की सुनवाई 26 अप्रैल या उससे पहले होनी चाहिए. ADIF का कहना है कि गूगल अपनी यूजर च्वाएस बिलिंग पॉलिसी के तहत बुधवार 26 अप्रैल से प्ले स्टोर पर थर्ड पार्टी पेमेंट प्रोसेसर्स के जरिए होने वाले पेड डाउनलोड और इन-ऐप परचेज पर 11 फीसदी या 26 फीसदी तक सर्विस फीस चार्ज करने जा रहा है. फाउंडेशन का कहना है कि गूगल का यह कदम न सिर्फ कंपटीशन विरोधी है, बल्कि सीसीआई के पिछले आदेश को बाइपास करने की कोशिश भी है. ADIF के मुताबिक अगर इस मामले में सीसीआई ने 26 अप्रैल तक कोई राहत नहीं दी, तो उन्हें भारी नुकसान होगा.

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हाईकोर्ट ने CCI को दिया है जल्द सुनवाई का आदेश

हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने सोमवार को फाउंडेशन की मांग को मंजूर करते हुए सीसीआई से गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी के खिलाफ दायर ADIF की अर्जी पर 26 अप्रैल या उससे पहले विचार करने को कहा है. जस्टिस तुषार राव गडेला के इसी आदेश को गूगल ने मंगलवार को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी अपील पर फौरन सुनवाई करने की मांग की थी. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कोई राहत दिए बिना अर्जी खारिज कर दी.

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