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Aditya L1 Mission: अंतरिक्ष में कहां और क्या कर रहा है आदित्य एल1? ISRO चीफ ने दिया देश के पहले सौर मिशन से जुड़ा अपडेट

इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष यान के एल1 बिंदु में प्रवेश की अंतिम तैयारियां लगातार आगे बढ़ रही हैं. सोमनाथ ने कहा, ‘‘एल1 बिंदु में प्रवेश करने की अंतिम प्रक्रिया संभवत: 7 जनवरी, 2024 तक पूरी हो जाएगी.

इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष यान के एल1 बिंदु में प्रवेश की अंतिम तैयारियां लगातार आगे बढ़ रही हैं. सोमनाथ ने कहा, ‘‘एल1 बिंदु में प्रवेश करने की अंतिम प्रक्रिया संभवत: 7 जनवरी, 2024 तक पूरी हो जाएगी.

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Mithilesh Kumar
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Aditya L1 Mission

आदित्य एल1’ का दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था. (NASA/SDO and Express Photo)

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सूर्य का अध्ययन करने से जुड़े भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन के तहत लॉन्च ‘आदित्य एल1’ स्पेस क्राफ्ट अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 प्वाइंट में एंट्री करने की प्रक्रिया 7 जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है. इसरो प्रमुख ने पहले ध्वनि रॉकेट प्रक्षेपण के 60वें वर्ष के उपलक्ष्य में विक्रम साराबाई अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आदित्य रास्ते में है. मुझे लगता है कि यह अपने अंतिम चरण में लगभग पहुंच गया है. 

इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष यान के एल1 बिंदु में प्रवेश की अंतिम तैयारियां लगातार आगे बढ़ रही हैं. सोमनाथ ने कहा, ‘‘एल1 बिंदु में प्रवेश करने की अंतिम प्रक्रिया संभवत: 7 जनवरी, 2024 तक पूरी हो जाएगी. आदित्य एल1’ का दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था.

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इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा. ‘एल1’ बिंदु को सूर्य के सबसे निकट माना जाता है. ‘आदित्य एल1’ सूर्य के रहस्य जानने के लिए विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक अध्ययन करने के साथ ही विश्लेषण के वास्ते इसकी तस्वीरें भी धरती पर भेजेगा. 

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