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Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड में रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में, सीएम धामी ने लिया जायजा, जल्द शुरू होगा ‘ड्रिलिंग’ का काम

Uttarakhand Tunnel Collapse: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिल्कयारा सुरंग में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े सभी अपडेट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ले रहे हैं.

Uttarakhand Tunnel Collapse: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिल्कयारा सुरंग में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े सभी अपडेट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ले रहे हैं.

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Mithilesh Kumar
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Uttarakhand CM PS Dhami

Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया. (Photo : X/@ANI )

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए करीब दो हफ्ते रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और वहां पूरी ताकत से काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्साहवर्धन भी किया.

जायजा लेने के बाद सीएम धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है. इस बचाव कार्य में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की एजेंसियां ​​मिलकर काम कर रही हैं. सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिल्कयारा सुरंग में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े सभी अपडेट ले रहे हैं.

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सीएम धामी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फोन के जरिए उत्तरकाशी में निर्माणाधीन  सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. इस दौरान पीएम मोदी को टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु विभिन्न विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी.

प्रधानमंत्री को ऑगर मशीन के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्या के समाधान, श्रमिकों की स्थिति, उन्हें दी जाने वाली खाद्य एवं अन्य दैनिक सामग्री के साथ ही टनल से श्रमिकों के बाहर आने पर उनके लिए तैयार स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में अवगत कराया. प्रधानमंत्री जी उत्तरकाशी में आई इस आपदा में सुरंग के अंदर फंसे हुए श्रमिकों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं एवं निरंतर वहां चल रहे कार्यों की जानकारी ले रहे हैं. हमें विश्वास है कि जल्द ही हम श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने में सफल होंगे.

‘ड्रिलिंग’ फिर से जल्द होगी शुरू

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए मलबे के रास्ते ‘ड्रिलिंग’ के काम में बृहस्पतिवार से कोई और प्रगति नहीं हुई है. उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि ऑगर मशीन के जरिये ‘ड्रिलिंग’ जल्द ही शुरू की जायेगी. कई अड़चनों के कारण बृहस्पतिवार को ‘ड्रिलिंग’ का काम रोक दिया गया था, लेकिन शीघ्र ही एक ऑगर मशीन का इस्तेमाल करके इसे फिर से शुरू करने के प्रयास किये जा रहे हैं.

एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बचाव कार्यों पर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हर हाल में फंसे हुए श्रमिकों को बचाया जायेगा और इसके लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार से सुरंग में मलबे के रास्ते पाइप डालने के काम में कोई और प्रगति नहीं हुई है और फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए लगभग 15 मीटर की ‘ड्रिलिंग’ अभी भी बाकी है.

बचाव अभियान का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की कोई बाधा नहीं आई तो ऑगर मशीन से एक घंटे में लगभग 4-5 मीटर तक की ‘ड्रिल’ की जा सकती है. हसनैन ने मीडिया को सलाह दी कि बचाव अभियान पूरा होने की समय सीमा के बारे में अटकलें न लगाएं, क्योंकि इससे गलत धारणा पैदा होती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण अभियान है.’’ एनडीएमए सदस्य ने यह भी कहा कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उनके रिश्तेदारों, केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनसे बात की है.

बृहस्पतिवार देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा था, क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ‘ड्रिलिंग’ मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखाई दीं. इसके बाद ‘ड्रिलिंग’ रोक दी गई थी. हसनैन ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियां और कई राज्य सरकारें बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं. यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे.

Uttarakhand Natural Disasters