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KCC: आरबीआई ने एक जनवरी, 2025 से किसानों के लिए बिना गारंटी लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है. (Image: Fe File)
RBI raises collateral free agricultural loan limit to Rs 2 lakh to aid farmers: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शनिवार को किसानों के लिए अच्छी खबर आई है. आरबीआई ने किसानों के लिए बिना गारंटी कृषि लोन की सीमा में बढ़ोतरी की है. आरबीआई ने कृषि संबंधी सहायक कार्यों के लिए कृषि लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है. अब किसान बैंक के पास अपनी कीमती सामान बिना गिरवी रखे 2 लाख रुपये तक का लोन हासिल कर सकेंगे. एग्रीकल्चर सेक्टर की मदद और इस सेक्टर में बढ़ती लागतों को पूरा करने के लिए सेंट्रल बैंक ने यह अहम फैसला लिया है.
कृषि लोन की सीमा में बढ़ोतरी का यह निर्णय किसानों पर महंगाई दर और कृषि की बढ़ती लागत के प्रभाव के कारण से किया गया है. इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर वित्तीय पहुंच प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना कि उनके पास बिना प्रतिभूति की समास्या के अपनी परिचालन और विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हों.
बैंकों पर कब से लागू होगा RBI का नया नियम
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने देश भर के बैंकों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं, जो नए साल की शुरूआत यानी 1 जनवरी 2023 से लागू होंगी. पीआईबी की प्रेस रिलीज के मुताबिक सरकार ने बैंकों को 1 जनवरी 2025 से किसानों को दिए जाने वाले 2 लाख तक के कृषि लोन के लिए गिरवी रखने की जरूरत और किसी भी प्रकार के मार्जिन जमा करने की शर्त को समाप्त करने के लिए कही है. कृषक समुदाय को समय पर वित्तीय मदद मिल सकें इसके लिए नए नियम को लागू करने में तेजी दिखाने के लिए भी कहा है. इसके अलावा बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने इलाके के किसानों और उस फील्ड से जुड़े पक्षों के बीच इन नए नियमों के बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें.
RBI ने बैकों को दिए ये निर्देश
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे किसानों को दिए जाने वाले कृषि लोन के लिए गिरवी रखने की जरूरत और किसी भी प्रकार के मार्जिन जमा करने की शर्त को समाप्त कर दें. ये नियम 2 लाख रुपये तक के कृषि लोन के लिए लागू होंगे.
- नए नियमों को तेजी से लागू किया जाए ताकि किसान बिना किसी देरी के आवश्यक वित्तीय मदद वक्त पर हासिल कर सकें.
- बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इन बदलावों के बारे में व्यापक प्रचार करें ताकि किसानों और उनके फील्ड के अन्य पक्षों तक ये जानकारी पहुंच सके.
किसे मिलेगा लाभ
यह कदम खासतौर पर छोटे और सीमांत किसानों यानी मार्जिनल फार्मर के लिए लोन हासिल करने की सुविधा को बढ़ावा देता है, जो क्षेत्र के 86% से अधिक हिस्से को कवर करते हैं.
RBI के इस फैसले से छोटे और सीमांत किसानों को उधारी के खर्चों में कमी आएगी और पैसे उधार लेने के लिए बैकों के पास अपनी कीमती संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस तरह, किसानों को अपने कृषि कार्यों में निवेश करना आसान होगा, जिससे उनकी उत्पादकता और आजीविका में सुधार होगा.
लोन वितरण को बेहतर बनाने से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन के इस्तेमाल में बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों को कृषि कार्यों में निवेश करने और उनकी आजीविका में सुधार करने में मदद मिलेगी.
सरकार की मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (Modified Interest Subvention Scheme) के साथ मिलकर, यह नीति 3 लाख रुपये तक के लोन को 4% प्रभावी ब्याज दर पर प्रदान करती है. इससे वित्तीय समावेश को मजबूती मिलती है, कृषि क्षेत्र को समर्थन मिलता है, और ऋण-संचालित आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है, जो सरकार की सतत कृषि के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है.