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Shinde Govt Ladli Bahan Yojana: महिलाओं के कल्याण के लिए एक प्रमुख योजना के तौर पर जून के अंत में अपने बजट में महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना की घोषणा की थी. (Image: IE File)
Enrolment date for Maharashtra govt’s Ladki Bahin Yojana extended till September 30 : लाडकी बहिन योजना (हिंदी में लाड़ली बहना योजना) के लिए एनरोलमेंट कराने की डेडलाइन फिर से बढ़ा दी गई है. महाराष्ट्र सरकार ने अप्लाई करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि योजना को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया को देखते हुए पात्र महिलाओं द्वारा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है.
इससे पहले योजना का लाभ पाने के लिए रजिट्रेशन कराने की डेडलाइन 31 अगस्त 2024 तय की गई थी. शुरुआत में इस योजना के तहत आवेदन करने की तिथि 31 जुलाई तय की गई थी, लेकिन काफी संख्या में आवेदन मिलने के कारण इसे 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया. इस तारीख तक योजना को लेकर लोगो की ओर से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने को देखते हुए सरकार ने फिर से एक महीने तक का मौका दिया है.
क्या है शिंदे सरकार की लाडकी बहिन योजना?
मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र की महायुति (Mahayuti) सरकार महिलाओं के लिए 'माझी लाडकी बहिन योजना' (Majhi Ladki Bahin Yojana) लेकर आई, जिसे हिंदी में मेरी लाड़ली बहन योजना (Ladli Bahan Yojana) समझा जाता है. इस स्कीम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाने हैं.
किसे मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत, 21 से 65 साल तक की उन विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे जिन लाभार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये तक होगी. इस योजना के एलान के कुछ समय बाद युवा लड़कों के लिए महाराष्ट्र सरकार लाड़का भाऊ योजना लेकर आई. इस स्कीम को मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत लॉन्च किया गया.
योजना चलाने से सरकारी खजाने पर कितना बढ़ेगा बोझ
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए एक प्रमुख योजना के तौर पर जून के अंत में बजट में मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना की घोषणा की थी. इससे राज्य के राजकोष पर सालाना 46,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अंदेशा है. सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक- भारतीय जनता पार्टी , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना - नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस योजना का बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं.