scorecardresearch

Delhi Bill Passed in LS: लोकसभा में पास 'दिल्ली बिल' पर क्या है विवाद, केजरीवाल ने क्यों बताया जनता की पीठ में छुरा घोंपने वाला कदम

Lok Sabha passes Delhi Services Bill: दिल्ली की चुनी हुई सरकार से प्रशासनिक सेवाओं का नियंत्रण छीनने वाला बिल लोकसभा में पारित, अब राज्यसभा में पेश होगा विधेयक.

Lok Sabha passes Delhi Services Bill: दिल्ली की चुनी हुई सरकार से प्रशासनिक सेवाओं का नियंत्रण छीनने वाला बिल लोकसभा में पारित, अब राज्यसभा में पेश होगा विधेयक.

author-image
FE Hindi Desk
एडिट
New Update
Delhi Services Bill, Delhi Bill Passed in Lok Sabha, दिल्ली सेवा विधेयक पास, दिल्ली सर्विसेज बिल पास, लोकसभा में पास हुआ विधेयक, अमित शाह, केजरीवाल, कांग्रेस, एनसीपी, आम आदमी पार्टी, नेहरू, Amit Shah, Congress, BJP, Pandit Nehru, Arvind Kejriwal, Congress, NCP, AAP

Delhi Services Bill Passed in LS: लोकसभा में गुरुवार को पारित दिल्ली सेवा विधेयक पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (Photo: PTI)

Lok Sabha passes Bill to replace Delhi services ordinance: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं का नियंत्रण चुनी हुई राज्य सरकार से छीनकर केंद्र सरकार को सौंपने के लिए लाया गया विधेयक विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद लोकसभा में पारित हो गया. केंद्र सरकार ने यह बिल मई में जारी अपने अध्यादेश पर संसद की मुहर लगाने के लिए पेश किया है. विधेयक पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में विधेयक गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया, जिसके बाद उस पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई. अंत में अमित शाह ने बहस का जवाब दिया और फिर सत्ताधारी एनडीए के प्रचंड बहुमत वाले सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया.

क्यों लाया गया यह बिल

दरअसल मोदी सरकार ने 19 मई 2023 को जारी अध्यादेश के जरिए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को बेअसर कर दिया था, जिसमें देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों का नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सौंप दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़कर बाकी किसी भी मामले में उप-राज्यपाल को अपनी मर्जी से फैसले करने का अधिकार नहीं होगा. लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट दिया. लोकसभा में गुरुवार को पारित ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill) 2023 उसी अध्यादेश को कानून में तब्दील करने के लिए लाया गया है. इस विधेयक में दिल्ली में ग्रुप ए के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी के गठन की बात भी कही गई है.

केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाना हमारा अधिकार : अमित शाह

Advertisment

बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में कानून और नियम बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. शाह ने यह भी कहा कि आजादी के बाद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के सुझाव का पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और डॉ. अंबेडकर जैसे नेताओं ने भी विरोध किया था.

विपक्ष पर गृह मंत्री का तीखा हमला

बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने विपक्ष पर तीखे हमले करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में सदन में 9 विधेयक पारित हुए लेकिन विपक्षी दल मोर्चा में शामिल नहीं हुए. वे सभी विधेयक भी महत्वपूर्ण थे. लेकिन दिल्ली सेवा विधेयक पर सभी विपक्षी दल मौजूद हैं, क्योंकि सवाल इनका गठबंधन बचाने का है. शाह ने कहा कि देश विपक्ष के दोहरे चरित्र को देख रहा है. इनके लिए जनता का हित महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि गठबंधन से एक छोटी सी पार्टी भागकर नहीं चली जाए, इसका बड़ा महत्व है. शाह ने कहा, विपक्षी दलों को न लोकतंत्र की चिंता है, न देश की चिंता है और न जनता की चिंता है, इन लोगों को सिर्फ अपने गठबंधन की चिंता है. अमित शाह ने कहा कि विपक्ष का गठबंधन सिर्फ सत्ता के स्वार्थ के लिए बना है. लेकिन ये कितने ही गठबंधन कर लें अगले चुनाव में भी प्रधानमंत्री तो नरेंद्र मोदी ही बनेंगे. शाह ने यह दावा भी किया कि इस विधेयक के पारित होने के बाद विपक्षी गठबंधन टूट जाएगा.

पंडित नेहरू पर भी हुई जुबानी जंग

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े बयान पर भी तंज किया. चौधरी ने कहा, “अगर आपने वास्तव में पंडित नेहरू की बात मानी होती, तो देश को मणिपुर और हरियाणा जैसे हालात नहीं देखने पड़ते.” इस पर अमित शाह ने बीच में ही उठकर कहा, ''मैंने नेहरू की तारीफ नहीं की है, बस वही उद्धृत किया है जो उन्होंने कहा है.''

Also read : गौतम अडानी की एक और बड़ी डील: अंबुजा सीमेंट ने सांघी इंडस्ट्रीज का किया टेकओवर, 5000 करोड़ में हुआ सौदा

दिल्ली की जनता की पीठ में छुरा घोंपा : केजरीवाल

लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू ने उग्र ढंग से उसका विरोध किया, जिसके बाद उन्हें मानसून सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया. उधर, सदन से बाहर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया. केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बीजेपी के पुराने वादे की याद दिलाते हुए लिखा, “हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधानमंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया. आगे से मोदी जी की किसी बात पर विश्वास मत करना.”

ओवैसी ने किया वाजपेयी को याद

इससे पहले लोकसभा में बहस के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी दिल्ली सेवा विधेयक को 'भयानक' और 'बेतुका' बताया. उन्होंने कहा कि यह बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है. ओवैसी ने कहा, "मैं इस असंवैधानिक विधेयक का विरोध करता हूं जो संघवाद का उल्लंघन करता है और संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है." ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि "अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसी सदन में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पेश किया था. लेकिन आपकी नीति क्या है?"

Also read : टमाटर का नहीं छोड़ना चाहते हैं स्वाद, 1 किलो के लिए 300 रुपये देने को रहें तैयार, फिर बढ़ने लगा भाव

BJP का जनादेश सही, तो केजरीवाल का गलत कैसे : सुप्रिया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता सुप्रिया सुले ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि "भाजपा लोगों को डरा रही है, लेकिन इस देश ने हमेशा डराने-धमकाने के खिलाफ लड़ाई लड़ी है." सुले ने कहा, भाजपा कहती है कि देश ने 2019 में उनकी सरकार को जनादेश दिया. बधाई हो, आप जीते. लेकिन केजरीवाल सरकार और भाजपा के लिए अलग-अलग नियम क्यों हैं? जब केजरीवाल सरकार को जनादेश मिलता है, तो यह गलत है और जब आपको जनादेश मिलता है, तो आप इसे लोकप्रियता कहते हैं. क्यों? यह बेहद गलत है."

Arvind Kejriwal Delhi Government Amit Shah Delhi